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Bihar news: बालिका गृह कांड के बाद अब CBI खुशी अपहरण कांड की जांच करेगी, जानें क्या है मामला

Patna High court: मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा के लक्ष्मी चौक स्थित पमरिया टोला की छह वर्षीय खुशी के अपहरण कांड जांच अब सीबीआइ करेगी. पटना हाइकोर्ट ने सोमवार को यह आदेश सीबीआइ को दिया है. अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर...

मुजफ्फरपुर: ब्रह्मपुरा के लक्ष्मी चौक स्थित पमरिया टोला की छह वर्षीय खुशी के अपहरण कांड जांच अब सीबीआइ करेगी. हाइकोर्ट ने सोमवार को यह आदेश सीबीआइ को दिया. . जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने इस मामले में खुशी के पिता राजन साह की आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी दिया.

पटना हाई कोर्ट ने दिए आदेश

पटना हाईकोर्ट ने एसएसपी जयंतकांत को निर्देश दिया कि मामले की जांच में दिलचस्पी नहीं लेने वाले पुलिस पदाधिकारी व सीनियर पदाधिकारी को चिन्हित करके उन पर विभागीय कार्रवाई जल्द से जल्द शुरू करें. इसके अलावे ब्रह्मपुरा पुलिस की ओर से इस केस में अब तक इकट्ठा किये गये साक्ष्य को भी सीबीआइ को सौंप दे. कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपते हुए कहा कि वह तुरंत अनुसंधान शुरू करे और खुशी को बरामद करे.

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कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वह सीबीआइ और सीएफएसएल, नई दिल्ली के निर्देशक को पक्षकार बना दे. जानकारी हो कि इससे पहले 17 अक्टूबर को इस मामले की हाइकोर्ट में सुनवाई हुई थी. जहां कोर्ट ने माना था कि खुशी को बरामद करना जिला पुलिस के वश में नहीं है. उस दिन सीबीआइ जांच पर आदेश सुरक्षित रखा गया था. लेकिन, सोमवार को हुई सुनवाई में केस की जांच सीबीआइ को सौंप दिया गया.

क्या है मामला

दरअसल, 16 फरवरी, 2021 को छह साल की खुशी का अपहरण लक्ष्मी चौक स्थित एक सरस्वती पूजा के पंडाल से हो गया था. खुशी के पिता मुजफ्फरपुर(ब्रह्मपुरा थाना) पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नहीं थे. परिवार के सदस्यों ने समाहरणालय में धरना-प्रदर्शन से लेकर आत्मदाह तक की कोशिश की थी. इसके बाद राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था. याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश कुमार ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर की थी.

पिता बोले – अपने साथ पूरे परिवार का पॉलीग्राफी टेस्ट को तैयार

खुशी के पिता राजन साह ने कहा कि खुशी अगर जिंदा है तो सीबीआइ उसे जरूर ढूंढ़ कर ला देगी. अगर मर गई है तो भी खोज कर निकाल देगी. उन्होंने कहा कि अगर सीबीआइ कहे तो अपने साथ पूरे परिवार का पॉलीग्राफी टेस्ट करवाने को तैयार हूं. ब्रह्मपुरा पुलिस ने आरोपी के साथ उनका पॉलीग्राफी टेस्ट करने को कहा था. इस वजह से उन्होंने इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि सीबीआइ को जांच में वह पूरी मदद करेंगे. इस मामले में सेंट्रल जेल में बंद अमन कुमार व राहुल कुमार का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था.

माता-पिता सब्जी बेचकर चलाते है घर

खुशी के पिता राजन साह स्थानीय लक्ष्मी मंदिर के सामने लक्ष्मी चौक पर सब्जी की दुकान लगाते है. राजन अपने माता -पिता के साथ मिलकर उस दुकान को चलते है. खुशी के गायब हो जाने के बाद से उसके दादा दादी अवसाद के शिकार होने लगे हैं.

खुशी अपहरण केस न बन जाये नवरूणा कांड

नवरुणा कांड भी अपहरण से जुड़ा था. इसमें में भी पुलिस की प्रारंभिक जांच सही नहीं थी. खुशी के परिजनों को यही डर सता रही है कि कही ब्रह्मपुरा पुलिस निम्नस्तरीय जांच की वजह से यह मामला दूसरा नवरुणा कांड न बन जाए.

बालिका गृह, नवरूणा के बाद अब खुशी अपहरण कांड की जांच

बता दें कि सीबीआइ पिछले 10 साल में जिले में बालिका गृह व नवरुणा कांड की जांच कर चुकी है. बालिका गृह कांड में सीबीआइ की जांच पूरी हो गई है. वहीं, नवरूणा कांड में केस क्लोजर की अर्जी सीबीआइ कोर्ट में दाखिल कर चुकी है. अब खुशी अपहरण कांड की जिम्मेवारी सीबीआइ को मिली है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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