बक्सर. एक ओर राज्य सरकार जल संरक्षण को लेकर करोड़ों की योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी तंत्र की लापरवाही इन अभियानों को खोखला साबित कर रही है. केशोपुर जलापूर्ति केंद्र के पाइपलाइन में पिछले दो माह से लिकेज की समस्या बनी हुई है, जिससे रोजाना हजारों लीटर पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है. आश्चर्य की बात है कि लगातार शिकायतों के बावजूद विभाग की ओर से अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की गयी है. उमरपुर निवासी सूर्यनारायण राय का कहना है कि पाइप लिकेज की समस्या लगभग दो महीने से बनी हुई है. इस संबंध में उन्होंने चुनाव से पहले ही मोबाइल के माध्यम से विभाग को शिकायत दी थी.लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला कि आज-कल में ठीक कर दिया जायेगा. दो माह बीत गए, लेकिन विभाग की लापरवाही जस की तस बनी हुई है. इसके कारण बर्बाद हो रहे पानी की मात्रा इतनी अधिक है कि ग्रामीणों के अनुसार प्रतिदिन हजारों लीटर पानी सड़क पर बहकर नालों में समा जाता है. ग्रामीण सुरेन्द्र चौधरी ने बताया कि विभाग के अधिकारी मौके पर नजर भी नहीं आते. कई बार स्थानीय लोग खुद जाकर समस्या की गंभीरता बताते हैं, मगर जवाब वही मिस्त्री व्यस्त है सामग्री नहीं आयी है या कल तक बन जाएगा जैसी बातें सुनकर ही रह जाते हैं. इस कारण अब लोगों में विभाग के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है. सूर्य नारायण राय ने बताया कि पानी का महत्व किसी से छुपा नहीं है. यह मानव जीवन का मूल आधार है. गांवों में अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां लोगों को प्रतिदिन निर्धारित समय के हिसाब से ही पानी मिलता है. ऐसे में पाइप लिकेज के कारण पानी का अनियंत्रित बहना एक गंभीर चिंता का विषय है. ग्रामीणों का कहना है कि जब विभाग खुद जल का संरक्षण नहीं कर पा रहा है, तो आम जनता से कैसे उम्मीद की जाये कि वे सरकार के जागरूकता अभियान का पालन करें. सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए स्कूलों, पंचायतों और शहरी इलाकों में लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं. ””””बूंद-बूंद से सागर””””, ‘पानी बचाओ जीवन बचाओ’ जैसे कार्यक्रमों पर भारी राशि खर्च की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ पीएचइडी की लापरवाही इन अभियानों को कमजोर कर रही है. कहां कि विभाग केवल योजनाओं और अभियानों तक सीमित है, जमीनी हकीकत में सुधार की कोई कोशिश नहीं दिख रही. विभाग तत्काल लिकेज की मरम्मत कराएं, जिम्मेदार कर्मियों पर कार्रवाई करे और महत्चपूर्ण जल स्रोतों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करे. जब तक विभाग गंभीरता नहीं दिखायेगा, तब तक सरकार के जल संरक्षण अभियान प्रभावी नहीं हो पायेंगे. यदि पानी की बर्बादी इसी तरह जारी रही तो गर्मी के मौसम में जल संकट और बढ़ जायेगा. ऐसी स्थिति में विभाग को जल्द से जल्द कदम उठाकर जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा, ताकि हजारों लीटर पानी की हो रही बर्बादी रुक सके और सरकार के प्रयास सार्थक साबित हो सके.
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