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buxar news : आइडी–पासवर्ड बंद होने से परिवहन विभाग का कामकाज ठप

buxar news : ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर वाहन पंजीकरण तक का काम प्रभावित18 अक्तूबर से कार्यालय परिक्रमा कर रहे लोग, नहीं हो रहा कोई कामचालान कटाकर लोग कर रहे आइडी चालू होने का इंतजारजिला प्रशासन ने डीटीओ का दिया प्रभार, पर विभाग ने नहीं दिया आइडी-पासवर्ड

बक्सर. जिले में परिवहन विभाग का कामकाज पिछले कई दिनों से ठप पड़ा हुआ है. 18 अक्तूबर से विभागीय आइडी और पासवर्ड बंद होने के कारण ड्राइविंग लाइसेंस, नये वाहनों का पंजीकरण, वाहन ट्रांसफर, फिटनेस, परमिट सहित अन्य आवश्यक सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हैं.

इससे वाहन मालिकों, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों और सामान्य जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विभाग का कार्यालय रोज खुलता है, लोग रोज आते हैं, चालान कटाकर आवेदन जमा भी करते हैं, परंतु ऑनलाइन सिस्टम बंद होने से किसी भी कार्य की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. विभागीय सूत्रों के अनुसार पांच अक्तूबर को जिला परिवहन पदाधिकारी संजय कुमार का स्थानांतरण कर दिया गया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने शशिकांत पासवान को नया जिला परिवहन पदाधिकारी का प्रभार सौंपा. लेकिन, परिवहन विभाग की ओर से अब तक उनके नाम पर आइडी और पासवर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस कारण नया पदाधिकारी कोई भी ऑनलाइन आदेश जारी नहीं कर पा रहे हैं, जिससे पूरा सिस्टम निष्क्रिय पड़ा हुआ है. स्थिति यह है कि कार्यालय के बाहर प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी फाइलें हाथ में लिये घंटों प्रतीक्षा करते रहते हैं. कई लोग तो सुबह से आते हैं और दोपहर तक इंतजार करने के बाद वापस लौट जाते हैं. जब शनिवार को प्रभात खबर की टीम पहुंची, तो लोगों ने कहा कि यदि काम नहीं हो रहा है, तो कम से कम सही जानकारी ही दे दी जाये. लेकिन, किसी कर्मी को यह भी स्पष्ट जानकारी नहीं है कि सिस्टम कब तक चालू होगा और नये डीटीओ को अधिनियम का पावर कब मिलेगा.

जमा होती जा रही है चालान की राशि, पर आगे नहीं बढ़ रहा काम

आइडी और पासवर्ड बंद होने से राजस्व का काम भी प्रभावित हो रहा है. हालांकि चालान कटने की प्रक्रिया जारी है. जो लोग चालान कटवा चुके हैं, वे अपने दस्तावेजों के अपडेट, जमा और सत्यापन के लिए आइडी चालू होने का इंतजार कर रहे हैं. चालान के बाद सिस्टम अपडेट न होने से वाहन मालिकों की दिक्कत दोहरी हो गयी है. एक तरफ चालान की राशि जमा हो चुकी है, दूसरी तरफ काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. विभागीय कर्मियों ने बताया कि परिवहन विभाग की हर ऑनलाइन सेवा मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत अधिकृत पदाधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर और स्वीकृति पर निर्भर करती है. नये डीटीओ को यह अधिकार मिलने के बाद ही वे सिस्टम में लॉगिन कर सकेंगे. जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, लाइसेंस, पंजीकरण, फिटनेस, एनओसी, वाहन ट्रांसफर, टैक्स जमा आदि का कोई काम आगे नहीं बढ़ सकता.

लोगों ने कहा-विभाग की लापरवाही का भुगत रहे खामियाजा

लोगों ने इसे विभागीय लापरवाही बताते हुए कहा कि पुराने डीटीओ का स्थानांतरण हुआ था, उसी समय नये अधिकारी को पावर हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी कर देनी चाहिए थी, ताकि आम जनता को इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. इस माह में शादी-विवाह भी शुरू हैं, लेकिन रोड पर चलने में डर लगता है कि कहीं अधिनियम के उल्लंघन के मामले में फाइन न लग जाये. शादी के सीजन चालू होने पर लोग नये वाहन खरीदते हैं और पंजीकरण कराते हैं, लेकिन सिस्टम बंद होने के कारण वाहनों के शोरूम में भी पंजीकरण का काम रुका हुआ है. वाहन मालिक अस्थायी नंबर पर ही गाड़ी चला रहे हैं. इसके अलावा परिवहन कार्यालय में काम का दबाव भी दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

प्रतिदिन आ रहे सैकड़ों आवेदन, पर नहीं हो रहा निष्पादन

नया लाइसेंस बनाने से लेकर लाइसेंस रिन्यूअल, एड्रेस चेंज, डुप्लीकेट लाइसेंस, वाहन फिटनेस, टैक्स जमा और परमिट नवीनीकरण को लेकर प्रतिदिन सैकड़ों आवेदन जमा होते हैं. इन सभी कार्यों को ऑनलाइन स्वीकृति की आवश्यकता होती है, परंतु आइडी न होने की वजह से फाइलें सिर्फ जमा होकर अलमारी में अटक जा रही हैं. कार्यालय कर्मियों का कहना है कि जैसे ही आइडी और पावर मिल जायेगा, लंबित सभी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर तेजी से निबटाया जायेगा. दूसरी ओर कई वाहन मालिकों का कहना है कि अगर विभाग को पता था कि नये डीटीओ को प्रभार दिया गया है, तो तुरंत उनका लॉगिन सक्रिय कर देना चाहिए था. इस तरह की अनियमितता से न केवल लोगों का समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि जरूरी कार्य रुके रहने से कई लोग आर्थिक नुकसान भी झेल रहे हैं. कुछ लोगों के वाहन परमिट की समय सीमा समाप्त होने वाली है, तो कुछ लोगों के वाहन फिटनेस का समय निकल रहा है. समय से काम नहीं होने पर लोग बिना दस्तावेज़ अपडेट किये वाहन चलाने को मजबूर हैं, जिससे चालान कटने का डर भी बना रहता है. इधर, डीटीओ शशिकांत पासवान ने कहा कि पावर ट्रांसफर की प्रक्रिया मुख्यालय स्तर से होती है और जैसे ही आदेश जारी होगा, आइडी और पासवर्ड सक्रिय कर दिया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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