बक्सर कोर्ट. ब्रह्मपुर थाना कांड संख्या 49/1999 तथा सेशन ट्रायल 156/2001 में मंगलवार को सजा सुना दी गयी. न्यायालय ने ब्रह्मपुर के रहने वाले संजय तिवारी, उमाशंकर तिवारी एवं ध्रुव तिवारी को भारतीय दंड विधान की धारा 302/149 में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी एवं 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया. वहीं, धारा 307/149 में सात वर्ष की सजा एवं 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया. फैसले के दिन चौथा अभियुक्त भीम तिवारी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ, जिसके बाद उसे फरार घोषित करते हुए वारंट जारी कर दिया गया. उक्त फैसला जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंचम संजीत कुमार सिंह ने सुनाया. इस आशय की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक शेषनाथ सिंह ने बताया की आठ मई, 1999 को शाम लगभग 3:30 बजे अभियुक्त सूचक की जमीन को चहारदीवारी से घेर रहे थे, जिसका उसने विरोध किया, तो अभियुक्तों ने लाठी-डंडे से ताबड़तोड़ हमला कर कई लोगों को जख्मी कर दिया. मारपीट में ब्रह्मपुर के रहने वाले रामाशंकर प्रसाद पिता विश्वनाथ प्रसाद के सिर में गंभीर चोट लगी थी, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया था. वहां उसने दम तोड़ दिया था. उक्त घटना की प्राथमिकी दयाशंकर प्रसाद ने दर्ज करायी थी. सुनवाई में कुल नौ गवाहों की गवाही को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां अभियुक्तों को दोषी पाते हुए फैसला सुनाया गया. बताते चलें कि प्राथमिकी में कुल आठ लोगों का नाम दर्ज कराया गया था, जिसमें दो अभियुक्त का मामला जीजेवी न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया. वहीं, सुनवाई के क्रम में दो अन्य अभियुक्तों की मृत्यु हो गयी थी. ऐसे में चार अभियुक्त संजय तिवारी, उमाशंकर तिवारी एवं ध्रुव तिवारी के खिलाफ फैसला सुनाया गया. फैसले के दिन चौथा अभियुक्त भीम तिवारी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ, जिसे फरार घोषित करते हुए वारंट जारी कर दिया गया.
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