buxar news : ब्रह्मपुर. स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों की मानसिक स्थिति को मजबूत बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. इस कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जायेगा, ताकि वे बच्चों की हरकतों पर ध्यान दे सकें. शिक्षकों का मुख्य कार्य यह होगा कि वे असामान्य व्यवहार करने वाले बच्चों को चिह्नित करें. प्रशिक्षित शिक्षक बच्चों की मानसिक स्थिति, बातचीत करने का तरीका और उनके व्यवहार पर नजर रखेंगे. यदि किसी बच्चे में मानसिक रोग की आशंका दिखायी देती है या वह अवसाद में जाता हुआ प्रतीत होता है, तो शिक्षक तुरंत उसका फॉलो-अप करेंगे. वे बच्चे को एक कमरे में ले जाकर उससे बातचीत करेंगे और उसकी गतिविधियों का बारीकी से अवलोकन करेंगे. यदि काउंसेलिंग के बाद भी बच्चे के व्यवहार में सुधार नहीं होता है, तो मनोचिकित्सक की मदद ली जायेगी. शिक्षकों ने जिन बच्चों पर ध्यान दिया, उनमें कुछ में असामान्य व्यवहार पाया गया. कुछ बच्चे अनुशासन का पालन नहीं करते हैं. शिक्षकों को असामान्य व्यवहार पहचानने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. बच्चा स्कूल जीवन में गलत काम की ओर बढ़ रहा है, तो उसे इसी उम्र में सुधारने का प्रयास किया जा सकता है. बच्चों की समझदारी इस उम्र में अधिक होती है, इसलिए इस समय को गंवाने से पहले चिह्नित किया जायेगा. इस प्रकार, यह कार्यक्रम बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उन्हें एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास करेगा.
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