buxar news : ब्रह्मपुर. गरीबों के इलाज की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अस्पतालों के साथ अब दवा दुकानों को भी इस पोर्टल से जोड़ा जा रहा है.
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत जिले में दवा दुकानों का पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य कर दिया गया है. जो दुकानें पोर्टल पर निबंधित नहीं होंगी, उनका लाइसेंस नवीकरण नहीं किया जायेगा. अस्पतालों और दवा दुकानदारों के लिए ऑनलाइन निबंधन अनिवार्य है. समीक्षा में यदि कोई इकाई निबंधित नहीं पायी गयी, तो उसका लाइसेंस नवीकरण रोक दिया जायेगा. पोर्टल से निजी अस्पताल, नर्सिंग होस, क्लिनिक, पैथोलाजी व रेडियोलाजी केंद्र, दंत चिकित्सालय, फिजियोथेरेपी सेंटर और फार्मेसी सहित सभी निजी स्वास्थ्य इकाइयों को जोड़ा जा रहा है. ऑनलाइन नहीं जुड़ने वाले दुकानदारों के लाइसेंस नवीकरण पर रोक लगेगा. पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है. वहां पर पहले चिकित्सक या कर्मी या संस्थानों द्वारा हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (एचएफआर) पर लाइसेंस स्टाफ व अन्य आवश्यक जानकारी अपलोड करनी होगी. इसके सक्रिय होते ही संस्थान डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से मरीजों को ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगे.उपचार व्यवस्था में पारदर्शिता होगी सुनिश्चित, अनियमितता पर लगेगी रोक
गरीबों के मुफ्त इलाज को लेकर डाटा जोड़ा जा रहा है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में जुड़ना अनिवार्य है. प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल हेल्थ आइडी एस नंबर दिया जायेगा, जिसमें मरीज का पूरा मेडिकल डाटा, प्रिस्क्रिप्शन में दवाइयों का विवरण और उपचार इतिहास सुरक्षित रहेगा. साथ ही दवा दुकानदारों और निजी अस्पताल संचालकों के साथ जागरूकता के लिए मदद ली जायेगी. डिजिटल हेल्थ रिकार्ड लागू होने से उपचार व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. दवाइयों की आपूर्ति, जांच और प्रिस्क्रिप्शन पर निगरानी मजबूत होगी व अनियमितताओं पर रोक लगेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

