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बक्सर जिले में सड़क हादसे में हर माह 12 से अधिक जाती हैं लोगों की जान

जिले में सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जनवरी 2025 से लेकर 31 अगस्त तक जिले में कुल 87 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गयी हैं.

बक्सर. जिले में सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जनवरी 2025 से लेकर 31 अगस्त तक जिले में कुल 87 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गयी हैं. इन हादसों में 99 लोगों की जान चली गई और 51 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए. इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौत जून महीने में हुई हैं, जबकि अगस्त में सबसे कम जानें गयी. आंकड़े यह बताते हैं कि हर महीने औसतन 12 से ज्यादा लोग सड़क पर अपनी जान गंवा रहे हैं.यह स्थिति न केवल चिंताजनक है, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है कि यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं. ये दुर्घटनाएं परिवहन विभाग व ट्रैफिक नियमों के पालन नहीं करने से आए दिन होता रहता है. दुर्घटना कम हो इसके लिए परिवहन विभाग यदा कदा जागरुकता अभियान चलाता है. विभागीय अधिकारियों की माने तो अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं नाबालिग लोगों के वाहन चलाने से होता है. वहीं कुछ घटनाएं ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने से भी होता है. जिसे लेकर लगातार वाहन जांच, ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करने वालों पर जुर्माना भी किया जाता है. ताकि लोग आगे से ऐसा गलती न करें. नियमों की अनदेखी बन रही है हादसों की वजह : परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, अधिकतर हादसे ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के कारण हो रहे हैं. विशेष रूप से नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, तेज गति, ट्रैफिक नियमों का पालन न करना , हेलमेट या सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करना इसके मुख्य कारण बताए गए हैं. परिवहन विभाग के एमवीआई संदीप कुमार ने बताया कि लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता है. लेकिन आम लोग नियमों को हल्के में लेते हैं. नाबालिग बच्चों के हाथों में दोपहिया या चारपहिया वाहन देना एक बड़ी समस्या है. अभिभावकों को खुद जागरूक होने की जरूरत है. विभाग चला रहा है जागरूकता अभियान : जिला परिवहन कार्यालय की ओर से सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा चौराहों पर बैनर-पोस्टर लगाए जा रहे हैं ताकि लोगों को नियमों के पालन के प्रति संवेदनशील किया जा सकें. परिवहन विभाग के अनुसार हमारे अभियान का उद्देश्य लोगों को केवल नियम बताना नहीं है, बल्कि उनके मन में यह भावना पैदा करना है कि सड़क सुरक्षा उनकी खुद की और दूसरों की जान की सुरक्षा से जुड़ा हुआ विषय है. पुलिस कर रही सख्ती, फिर भी नहीं रुक रहे हादसे : ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग के द्वारा समय-समय पर जिले के प्रमुख चौराहों और मार्गों पर वाहन जांच अभियान चलाया जाता है. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. ट्रैफिक इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि जो लोग बिना हेलमेट के बाइक चलाते हैं, सीट बेल्ट नहीं लगाते, मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइव करते हैं . हम लोग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं. लेकिन जब तक जनता खुद से नियमों का पालन नहीं करेगी, केवल कानून से समस्या का समाधान नहीं हो सकता. सड़क हादसे की भयावह तस्वीर सोचने पर करती मजबूर : जिले में सड़क हादसों की यह भयावह तस्वीर हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कहीं न कहीं हमारी लापरवाही, जल्दबाजी और नियमों की अनदेखी ही इन मौतों की जिम्मेदार है. यदि अब भी हम नहीं चेते तो आने वाला समय और भी अधिक खतरनाक हो सकता है. क्या कहते हैं अधिकारी एमवीआइ संदीप कुमार ने बताया कि हम सभी को परिवहन विभाग व ट्रैफिक के नियमों का पालन करना होगा. सबसे पहले खुद नियमों का पालन करें हेलमेट पहनें, सीट बेल्ट लगाएं, ट्रैफिक सिग्नल मानें. नाबालिग को गाड़ी न दें बच्चों को वाहन चलाने की इजाजत न दें. अपने बच्चों और परिवार को सड़क सुरक्षा के बारे में नियमित रूप से बताएं. संदीप कुमार, एमवीआइ किस महीने में कितने हुए सड़क हादसा और कितने की हुई मौत माह घटना मौत घायल जनवरी 7 9 14 फरवरी 15 16 11 मार्च 15 19 04 अप्रैल 8 10 07 मई 12 14 06 जून 17 18 03 जुलाई 07 07 02 अगस्त 06 06 04

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