डुमरांव. प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में छिटपुट धान की कटनी हो रही है. जबकि अधिकांश जगहों के किसानों के खेतों में अब भी पानी लगा हुआ है. वहीं, डुमरांव प्रखंड के विभिन्न जगहों पर अभी तक महज 1500 हेक्टेयर में ही धान की कटानी हो पायी है. कृषि समन्वयक राजीव रंजन ने बताया कि अधिकतर जगहों पर किसानों के खेतों में पानी लगे रहने के चलते धान की कटनी में किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि जिन किसानों के खेतों में फसल कटाई की व्यवस्था बेहतर है, वहां किसानों के खेतों में छिटपुट धान की कटाई हो रही है. कृषि समन्वयक ने बताया कि अभी तक प्रखंड के सोंवा, लाखनडिहरा, नया भोजपुर, अरियांव, नुआंव सहित विभिन्न क्षेत्रों में किसानों के खेतों से 1500 हेक्टेयर में धान की कटाई हो गयी है. किसानों का कहना है कि खेतों में धान की फसल तैयार है, लेकिन खेतों में पानी होने के कारण कटनी का काम बाधित है. लोगों ने बताया कि अभी बहुत से जगहों पर हालत ऐसी है कि उसे देखकर उम्मीद है कि नवंबर के अंत तक धान की कटनी हो पायेगी. किसानों का कहना है कि खेतों से धान की कटाई होने के बाद रबी फसल की खेती को लेकर बीज बोआई का काम शुरू होगा.
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