कृष्णाब्रह्म
. मशहूर कृष्णाब्रह्म बाजार इन दिनों जलजमाव से जूझ रहा है. बारिश शुरू होते ही यहां की मुख्य सड़क पर पानी का ऐसा जमाव हो गया है कि राहगीरों के लिए हर कदम सावधानी बरतनी पड़ रही है. कुछ महीने पहले ही इस जल संकट से छुटकारा दिलाने के लिए सड़क किनारे नाले का निर्माण कराया गया था, लेकिन जिस उम्मीद के साथ ग्रामीणों ने इसे देखा था, वह हकीकत में बिखर गई. नाले की ढलान अधूरी और निकासी की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं. नतीजा यह कि पानी सड़क पर ठहरकर मानो स्थायी डेरा डाल लिया है. यह सड़क केवल कृष्णाब्रह्म के लिए नहीं, बल्कि चक्की, भरियार, नुआंव, धरहरा सहित दर्जनों गांवों के लोगों के लिए जीवन रेखा है. रोज़मर्रा की खरीददारी से लेकर टुडीगंज स्टेशन तक पहुंचने का यही मुख्य मार्ग है, लेकिन जलजमाव ने इसे किसी मुश्किल इम्तिहान में बदल दिया है. महिलाएं अपनी साड़ियों को ऊपर कर बच्चों का हाथ थामे पानी में उतरती हैं, बुजुर्ग लोग कांपते पैरों के साथ डंडे का सहारा लेते हैं, और दोपहिया वाहन चालक फिसलने के डर से रफ्तार को धीमी कर देते है. ठहरे हुए पानी में छिपे कचरा किसी अदृश्य खतरे की तरह हर पल दुर्घटना का डर पैदा करते है. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि जलजमाव ने ग्राहकों की आवाजाही घटा दी है, जिससे रोज़गार पर सीधा असर पड़ा है. कई दुकानों के सामने रेत की बोरियां रखी जाती हैं ताकि पानी भीतर न घुस पाए. ग्रामीणों स्थानीय लोगों का कहना है कि नाला बना है लेकिन राहत नहीं मिली वे कहते हैं कि केवल निर्माण से काम नहीं चलेगा, सही ढलान और पानी के बहाव की ठोस व्यवस्था ज़रूरी है, वरना हर साल बरसात में यह सड़क जललमाव से जूझता नजर आएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

