बक्सर .
गंगा का जलस्तर कम होने लगा है. हालांकि बाढ़ का पानी अभी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. जिससे प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की परिशानियां अभी कम नहीं हुई हैं. हालांकि जलस्तर घटने का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो दो-तीन दिनों में राहत की गुंजाइश हो जाएगी. एक दिन पूर्व जारी हुआ जलस्तर घटने का क्रम उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार को भी जारी रहा. सुबह 5.00 बजे 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से जलस्तर में कमी आ रही थी, जबकि उसके बाद 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे तथा दोपहर 12 बजे से अपराह्न 5.00 बजे तक 3 सेमी प्रति घंटा पानी घटा. हालांकि पूर्वह्न 5.00 बजे से पुन: 2 सेमी प्रति घंटे के हिसाब से जलस्तर में कमी दर्ज की गई. इस तरह पूर्वाह्न 9.00 बजे 60.75 पर बह रही गंगा का जलस्तर शाम 6 बजे तक 60.51 मीटर हो गया. नौ दिनों तक लगातार पानी में बढ़ोतरी के बाद गुरुवार को जलस्तर घटने लगा था. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को 60.89 मीटर के उच्चतम बिंदु पर पहुंचकर घटने लगा था और शुक्रवार की शाम 6 बजे 60.51 मीटर हो गया. इस तरह जलस्तर के उच्चतम स्तर से 38 सेंटीमीटर की कमी आई. जो खतरे के निशान 60.32 मीटर से 19 मीटर ज्यादा है. नालों के सहारे बक्सर शहर के निचले हिस्सों में घुसा पानी भी नीचे खिसकने लगा है. हालांकि रामरेखाघाट समेत अन्य घाटों की सीढ़ियां अभी भी डूबी हुई हैं और स्नान करना अभी भी खतरे से खाली नहीं है. चरित्रवन के श्मशान घाट स्थित मुक्ति धाम में भी पानी का फैलाव कम हुआ है, बावजूद शव दाह के लिए जगह को लेकर मुसीबत बनी हुई है. इसके चलते वहां निर्मित शेडनुमा शव दाह गृह में किसी तरह लाशों के अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

