बक्सर. जिले में चार दिसंबर को जोर-शोर से शुरू किया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान कुछ ही दिनों में ठंडे बस्ते में पड़ गया है. अधिकारियों ने शुरुआत में कहा था कि इस बार हर हाल में सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कर शहर को अतिक्रमणमुक्त बनाया जायेगा. अभियान की शुरुआत उत्साहपूर्ण रही और चार दिसंबर से छह दिसंबर तक इसका संचालन हुआ. हालांकि, चार दिनों के बाद ही अभियान ठंडा पड़ गया और अतिक्रमणकारी फिर से उसी जगह पर अपनी दुकानें खोलकर बेखौफ कारोबार करने लगे हैं. नगर परिषद के सीटी मैनेजर नीरज कुमार झा ने बताया कि पुलिस बल के बिना अतिक्रमण हटाना संभव नहीं है. वहीं, संबंधित अधिकारियों ने पुलिस बल मुहैया कराने से दूरी बना ली, जिससे अभियान में गतिरोध आ गया. टाउन थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आवश्यक कार्य के लिए पुलिस बल को औरंगाबाद भेजा गया था. थाना में पुलिस बल की कमी होने के कारण नगर परिषद को अभियान के लिए बल उपलब्ध नहीं कराया जा सका. औरंगाबाद से पुलिस बल के लौटने के बाद ही अतिक्रमण हटाने का कार्य पुनः शुरू किया जायेगा. अधिकारी और प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि बिना पुलिस सहयोग के अतिक्रमण हटाओ अभियान केवल खानापूर्ति साबित होता है. स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने भी इस स्थिति पर नाराजगी जतायी है, क्योंकि कई सरकारी जमीनें अब भी अतिक्रमण का शिकार हैं. ऐसे में शहर में अतिक्रमण मुक्त वातावरण बनाने का सपना फिलहाल अधर में लटकता दिख रहा है. ज्ञात हो कि प्रशासन ने अभियान को प्रभावी बनाने के लिए प्रारंभ में कड़ी योजना बनायी थी, लेकिन पुलिस बल की अनुपलब्धता और प्रशासनिक समन्वय में कमी के कारण यह अभियान अल्पकालिक रह गया. नागरिक अब पुनः अतिक्रमण हटाओ अभियान के जल्द पुनः आरंभ होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

