buxar news : बक्सर. बक्सर शहर की साफ-सफाई के नाम पर एक करोड़ 16 लाख रुपये प्रतिमाह सफाई एजेंसी को वेतन भुगतान किया जाता है. सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर प्रतिदिन सफाई कर्मचारियों का बायोमीट्रिक हाजिरी लेने के बाद ही उनके वेतन का भुगतान करने की बात नगर परिषद के अधिकारी कहते हैं. मगर हकीकत यह है कि सफाई कर्मचारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं बनायी जा रही है. शुरुआती दिनों में सफाई मजदूरों की बायोमीट्रिक हाजिरी एनजीओ ने ली. मगर यह व्यवस्था लागू होने के एक पखवारे बाद ही खत्म हो गयी. स्थिति यह है कि शहर में चौक-चौराहों पर गंदगी का अंबार लगा दिख जायेगा. वहीं, स्टेशन रोड से लेकर आंबेडकर चौक तक सड़क किनारे हर रोज दोपहर एक बजे के बाद कचरा नहीं उठाया जाता है, जिस कारण लोगों को परेशानी होती है.
सफाई एजेंसी पर कार्रवाई करने की उठी मांग
शहर की साफ-सफाई करने वाली एजेंसी को नोटिस भेजा गया है. यदि 15 दिनों के अंदर सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो एजेंसी का एकरारनामा रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी. इसको लेकर बुधवार को बोर्ड की हुई बैठक में पार्षदों ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित कर दिया.
क्या कहते हैं नप के स्वच्छता अधिकारी
नप के स्वच्छता पदाधिकारी रवि सिंह ने कहा कि सफाई एजेंसी हर माह जो बिल नगर परिषद कार्यालय में जमा करती है, उस बिल के साथ बायोमीट्रिक हाजिरी का उल्लेख तो करती है, मगर बायोमेट्रिक हाजिरी फील्ड में सफाई कर्मचारियों से लगायी जाती है कि नहीं इसकी जांच की जायेगी.
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