बक्सर
. जिले मे पहली बार शिक्षा विभाग ने जिले के शिक्षकों पर सामूहिक रूप से स्पष्टीकरण किया गया है. इसको लेकर डीपीओ स्थापना ने गुरूवार को पत्र जारी किया है. विभाग से जारी तीन पत्रों के माध्यम से जिला में एक साथ 62 विभिन्न प्रखंडों के शिक्षकों से स्पष्टीकरण किया गया है. स्पष्टीकरण डीपीओ स्थापना विष्णुकांत राय ने पत्र जारी कर किया है. पत्र के माध्यम से शिक्षक के रूप में दायित्व निर्वहन नहीं किये जाने, विभाग को गुमराह करने तथा बिना कार्य किये वेतन प्राप्त करने का प्रयास किये जाने का आरोप लगाया गया है. स्पष्टीकरण जिले राजपुर प्रखंड के 18, ब्रह्मपुर प्रखंड के 20, नावानगर के 12 एवं सिमरी के 12 शिक्षकों पर कारवाई किया गया है. शिक्षकों की शत प्रतिशत उपस्थिति को लेकर विभाग ने ई-शिक्षा कोष ऐप पार्टल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करायेंगे. ई-शिक्षा कोष ऐप पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने के मामले में विभाग ने सख्त कदम उठाना शुरू किया है. विभाग से विद्यालयों में शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसके बावजूद शिक्षक आदतन विद्यालय से बहार रहने के बावजूद फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज किया गया है. यह शिक्षकों की कारनामा विभाग के सूक्ष्म रूप से किये गये जांच के दौरान पकड़ में आया है. जिसके तहत गुरूवार को शिक्षा विभाग ने बड़े पैमाने पर कारवाई किया है. ई-शिक्षा कोष ऐप पर शिक्षकों के प्रतिदिन विद्यालय पहुंचने एवं विद्यालय से प्रस्थान का दर्ज किये जाने वाले समयावधि तथा मोबाईल कैमरे द्वारा प्रविष्टि फोटो के सूक्ष्म जांच के क्रम में पाया गया कि संबंधित शिक्षकों द्वारा कई कार्य दिवसों को विद्यालय में बिना उपस्थिति के ही फर्जी ढंग से पूर्व से खीचें हए फोटो के माध्यम ई-शिक्षा कोष ऐप पर उपस्थिति दर्ज किया जा रहा है. कई दिवसों को मनमाने तरीके से उपस्थिति दर्ज ही नहीं किया जा रहा है. निर्धारित समय के विपरीत उपस्थिति दर्ज की जा रही है. विद्यालय छोड़ते समय ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज नहीं की जा रही है. जिससे परिलक्षित होता है कि आपके द्वारा नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित हुए बिना ही फर्जी ढंग से उपस्थिति बनाकर या अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते हुए विद्यालय उपस्थिति पंजी में उपस्थिति बनाकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कार्य किया जा रहा है, जो आपके स्वेच्छाचारिता एवं दायित्व निर्वहन में घोर अनियमितता का परिचायक है. आपके इस कुकृत्य प्रयास से विद्यालय में पठन-पाठन के वातावरण को पूर्णतया दूषित किये जाने की संभवना से इंकार नहीं किया जा सकता है. आप सभी के इस प्रकार के कार्य में मिली भगत एवं एक दूसरे का सहयोग प्रभारी प्रधानाध्यापक के नेतृत्व क्षमता तथा भूमिका पर गहरा प्रश्न चिन्ह है. साक्ष्य के रूप में आपके माध्यम से माह मई 2025 में ई-शिक्षा कोष ऐप पर दर्ज उपस्थिति विवरणी पत्र के साथ संलग्न करते हुए निदेश दिया जाता है कि अचूक रूप से पत्र प्राप्ति के साथ ही उक्त अनियमितता के संबंध में विद्यालय प्रधान के माध्यम से उनके मंतव्य सहित अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध कराया जाय. क्यों नहीं आपको एक शिक्षक के रूप में दायित्व निर्वहन नहीं किये जाने, विभाग को गुमराह करने तथा बिना कार्य किये वेतन प्राप्त करने का प्रयास किये जाने के आरोप में आपके सेवा समाप्ति हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जाय.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है