चौसा. चौसा प्रखंड के गंगा तट पर अवस्थित महर्षि च्यवन आश्रम और महादेवा घाट को ग्रामीण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बहुप्रतीक्षित योजना अब ठंडे बस्ते में पड़ती नजर आ रही है. यह घाट चौसा का इकलौता पक्की सीढ़ी वाला गंगा घाट है, जहां सालभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. खासकर सावन महीने में हजारों कांवरियों की भीड़ इस घाट पर उमड़ती है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है. मनरेगा योजना के तहत तीन साल पहले इस स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की शुरुआत हुई थी. योजना के तहत महर्षि च्यवन ऋषि की तपोस्थली पर नौ ग्रह वाटिका का निर्माण, छतरीनुमा कुर्सियों की स्थापना, फेवर ब्लॉक से सोलिंग, बैठने की व्यवस्था, लाइटिंग और जड़ी-बूटी पौधारोपण किया जाना था. उद्देश्य था कि श्रद्धालु प्राकृतिक सौंदर्य और गंगा दर्शन के साथ-साथ सूर्यास्त की लालिमा का भी आनंद ले सकें. इसके अलावा, च्यवन ऋषि द्वारा नवयौवन प्राप्ति के लिए निर्मित च्यवनप्राश की परंपरा से जुड़ी जड़ी-बूटियों की जानकारी देने की भी व्यवस्था की जानी थी. हालांकि तीन साल बीतने के बावजूद अब तक न तो वाटिका में जड़ी-बूटियां लगायी जा सकीं, न ही महर्षि च्यवन की मूर्ति स्थापित की जा सकी है. केवल फाउंडेशन का निर्माण और छतरी के लिए बेस तैयार किया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ऐतिहासिक स्थल की घोर उपेक्षा हो रही है. यहां तक कि नौ ग्रह वाटिका के लिए निर्धारित क्षेत्र की घेराबंदी तो हुई, लेकिन उसके बाद सारा कार्य अधर में लटक गया. यह स्थल सिर्फ धार्मिक महत्व का ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष स्थान रखता है. कहा जाता है कि महर्षि च्यवन द्वारा तपोस्थली के रूप में चयनित यह स्थान ही आज चौसा की पहचान बना है. यदि इस स्थल का सही तरीके से विकास हो, तो यह न केवल स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ा सकता है, बल्कि चौसा को राज्य और देश के पर्यटन मानचित्र पर भी स्थान दिला सकता है. इस संबंध में मनरेगा प्रोग्राम पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि अधूरी पड़ी नवग्रह वाटिका और संबंधित कार्यों का जल्द ही स्थल पर जाकर अवलोकन किया जायेगा. इसके बाद छूटे हुए कार्यों का नया खाका तैयार कर पार्क को अंतिम रूप देने की दिशा में कार्य शुरू किया जायेगा. स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि इस ऐतिहासिक स्थल को उपेक्षित न किया जाये और पर्यटन विकास कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा कराया जाये, ताकि चौसा महादेवा घाट अपनी महत्ता के अनुरूप विकसित हो सके.
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