बक्सर. बक्सर जिला के चौसा प्रखंड में मनरेगा योजना के तहत नाबालिग बच्चों के काम कराये जाने का फोटो मनरेगा विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद अब डुमरांव प्रखंड में भी मनरेगा योजना में नाबालिग बच्चों से काम कराये जाने का मामला सामने आया है. जिसका फोटो विभागीय वेबसाइड पर अपलोड किया गया है. डुमरांव प्रखंड के कसिया, कोरानसराय पंचायतों में 18 साल से कम उम्र के बच्चों से काम लिया जा रहा है. बच्चों से काम कराने वाले अधिकारी भी जवाब देने से बच रहे हैं. पांच दिसंबर को योजना संख्या 20635222 कसिया में खालवा इनार मुख्य नहर से मुख्य सड़क होते सुभाष सिंह के खेत तक करहा योजना में 4984, 4983व 4982,8381 मास्टर रोल में वही 4 दिसंबर को कोरानसराय पंचायत के योजना संख्या 20588852 कोरान सराय में अतहर सिवान से कचैनिया काव नदी तक करहा सफाई कार्य 4934, 4935, 4936 व 4934 के मास्टर रोल में नाबालिग बच्चे काम करते दिखाई दे रहे हैं दूसरी कोरान सराय पंचायत में ही योजना संख्या 20625057 कोरान सराय में अतहर सिवान से दखिनौ पुल तक पइन सफाई कार्य 4939,4940,4941 व 4942 मनरेगा के तहत मिट्टी खुदाई का काम चल रहा है. इन श्रमिकों में नाबालिग बच्चे भी ठंड में काम कर रहे हैं. बाल श्रमिकों की मजदूरी कराने के सारे कारनामे मनरेगा के वेबसाइट पर अपलोड फोटो बाल श्रम की गवाही दे रहे हैं. हालांकि उप विकास आयुक्त आकाश कुमार चौधरी कहते हैं कि जहां भी मनरेगा योजना में बड़बड़ी की शिकायत मिल रही है. संबंधित पीओ से जवाब तलब किया जा रहा है. क्या कहते हैं श्रम अधीक्षक 18 साल से कम उम्र के बच्चों से काम करना अपराध है. इसके तहत संबंधित लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराने से लेकर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. यदि इस तरह की बात है, तो कोई भी शिकायत दर्ज कराकर इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करवा सकता है. संजय कुमार, श्रम अधीक्षक, बक्सर
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