चक्की : प्रखंड क्षेत्र के जवहीं दियर पंचायत में नीलगायों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि किसानों को खेती अब घाटे का सौदा लगने लगा है़ पंचायत क्षेत्र के किसान धान, गेहूं, मक्का, अरहर, चना, जौ सहित सब्जियों की खेती भी व्यापक पैमाने पर स्थानीय किसानों द्वारा की जाती है़ जो कि नीलगायों के कहर के कारण इन दिनों घाटे का सौदा साबित हो रही है़ किसान सिद्धनाथ चौबे, अशोक यादव, रामजी, बृजबिहारी आदि ने बताया कि विगत वर्षों से खेती बरबाद होने के कारण युवा अन्य प्रदेशों के तरफ पलायन करने को मजबूर है़ं
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नीलगायों से किसान हुए परेशान
चक्की : प्रखंड क्षेत्र के जवहीं दियर पंचायत में नीलगायों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि किसानों को खेती अब घाटे का सौदा लगने लगा है़ पंचायत क्षेत्र के किसान धान, गेहूं, मक्का, अरहर, चना, जौ सहित सब्जियों की खेती भी व्यापक पैमाने पर स्थानीय किसानों द्वारा की जाती है़ जो कि नीलगायों […]
मुश्किल हो जाता है खर्च निकालना : स्थानीय किसानों ने बताया कि नीलगायों द्वारा एक बार फसलों को रौंद देने के बाद बीज व खाद-पानी पर हुए खर्चों को निकालना भी मुश्किल हो जाता है़
ऐसे में जिन किसानों के पास जीविकोपार्जन के अन्य विकल्प मौजूद हैं. उनके लिये तो ठीक वरना साहूकारो के कर्ज के बोझ तले दबना मजबूरी बन जाती है़
बाढ़ के बाद बढ़ी नीलगायों की संख्या
वृद्ध किसान जितेंद्र चौबे, बैजनाथ पांडेय आदि ने बताया कि नीलगायों का आतंक पहले भी रहा है़ परंतु विगत दिनों गंगा में आयी बाढ़ के बाद से ही नील गायों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है़ आज प्रखंड क्षेत्र में दाल, मक्का व सब्जी की खेती केवल नील गायों के कहर के कारण ही सिमट चुकी है़ वहीं प्रशासन भी इन पर अंकुश लगा पाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है जिसके कारण स्थानीय युवा व किसान खेती छोड़ अन्य प्रदेशों की तरफ पलायन को मजबूर हैं.
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