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सदर अस्पताल के 22 डॉक्टरों का वेतन कटा

ड्यूटी में लापरवाही पर अस्पताल उपाधीक्षक ने की कार्रवाई बक्सर : सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कठोर कदम उठा है. सदर अस्पताल उपाधीक्षक ने अस्पताल के ओपीडी में तैनात कर्मियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए चार दिनों के वेतन कटौती का आदेश निर्गत किया है. अस्पताल के […]

ड्यूटी में लापरवाही पर अस्पताल उपाधीक्षक ने की कार्रवाई

बक्सर : सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कठोर कदम उठा है. सदर अस्पताल उपाधीक्षक ने अस्पताल के ओपीडी में तैनात कर्मियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए चार दिनों के वेतन कटौती का आदेश निर्गत किया है. अस्पताल के ओपीडी की व्यवस्था सुधारने के लिए जिलाधिकारी का निर्देश तक जारी हो चुका था. इसके बाद भी अस्पताल के ओपीडी में तैनात कर्मियों व चिकित्सकों के दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं आया था. जिससे आजिज आकर अस्पताल उपाधीक्षक केएन गुप्ता ने विगत कई दिनों से ओपीडी में तैनात कर्मियों का प्रबंधन द्वारा मॉनिटरिंग कराया.
कार्रवाई में कई चिकित्सकों समेत संजीवनी कार्यक्रम के तहत ओपीडी में कार्य करनेवाले सभी कर्मियों के चार दिनों का वेतन काटा गया है. बता दें कि अस्पताल प्रबंधन आठ बजे सुबह से दो बजे दिन तक ओपीडी के चिकित्सकों एवं कर्मियों की लगातार मॉनीटरिंग के बाद यह कदम उठाया है. चिकित्सकों व कर्मियों के देर से आने के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. चिकित्सक समेत सभी 22 कर्मी समय से कभी भी नहीं आते थे.
इन पर हुई कार्रवाई
कार्रवाई डॉ पीसी प्रसाद, डॉ इमरान, डॉ रितेश कुमार सिंह के अलावा फार्मासिस्ट महावीर भगत, भृगुनाथ प्रसाद के अलावे इंफोसिस के तहत कार्यरत सभी डाटा ऑपरेटरों के वेतन की कटौती की गयी है. इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत कुमार ने बताया कि अस्पताल के ओपीडी में कार्यरत चिकित्सकों समेत अन्य 22 कर्मियों पर अपने कार्य में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है. जिन पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल उपाधीक्षक ने कुल 22 कर्मियों के चार दिनों की वेतन कटौती का निर्देश दिया है.
बक्सर. जिले के आठ प्रखंडों के मध्य विद्यालयों के चालीस प्रभारी प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध शिक्षा विभाग ने प्राथमिकी दर्ज करा दी. शेष 50 के खिलाफ शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. यह मामला वर्ष 2010-11 में परिभ्रमण योजना के तहत पांच हजार रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने का है. जिला स्थापना विभाग ने अब तक इनसे कई बार उपयोगिता प्रमाणपत्र देने को कहा था, पर प्रभारियों ने अब तक उपयोगिगता प्रमाण पत्र को नहीं दिया. ऐसे में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना विनायक पांडेय ने सभी आठ प्रखंडों के बीइओ को प्रभारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा था. इन प्रखंडों में ब्रम्ह्पुर, डुमरांव, नावानगर, चक्की, चौंगाई, चौसा, इटाढ़ी, सिमरी, राजपुर शामिल हैं.

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