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कॉमर्शियल हब बनेगी पैक्स

पहल . पैक्स सदस्य बनने के लिए किसानों को करना होगा आवेदन को-ऑपरेटिव बैंक में उपलब्ध होगी कॉमर्शियल बैंकों से अधिक सुविधाएं बक्सर : जिले में सभी पैक्स अध्यक्षों के लिए एक अच्छी खबर है. राज्य सरकार की पहल पर आनेवाले समय में पैक्स की पूरी सूरत बदलने वाली है. पैक्स को धान व गेहूं […]

पहल . पैक्स सदस्य बनने के लिए किसानों को करना होगा आवेदन

को-ऑपरेटिव बैंक में उपलब्ध होगी कॉमर्शियल बैंकों से अधिक सुविधाएं
बक्सर : जिले में सभी पैक्स अध्यक्षों के लिए एक अच्छी खबर है. राज्य सरकार की पहल पर आनेवाले समय में पैक्स की पूरी सूरत बदलने वाली है. पैक्स को धान व गेहूं अधिप्राप्ति का केंद्र के साथ-साथ कॉमर्शियल हब बनाया जायेगा. राज्य सरकार ने इस ओर तैयारी भी शुरू कर दी है. बतातें चलें कि जिले कुल 142 पैक्स केंद्र हैं.
इस बाबत राज्य कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री सह बक्सर के प्रभारी मंत्री शिवचंद्र राम ने बताया कि केंद्र सरकार सहकारिता की त्रिस्तरीय व्यवस्था को खत्म करना चाहती है. केंद्र द्विस्तरीय व्यवस्था के पक्ष में है लेकिन, राज्य सरकार त्रिस्तरीय व्यवस्था खत्म नहीं होने देगी. राज्य सरकार त्रिस्तरीय सरकारी व्यवस्था को और भी अधिक मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि पैक्स किसानों के विकास की दिशा में बेहतर काम कर रही हैं. किसान व गांव की तरक्की पैक्स व सहकारिता के माध्यम से अपनी मंजिल तय करेगी. इनकी तरक्की से ही राज्य व राष्ट्र मजबूत होगा. सरकारी विभागों का पैसा सहकारी बैंकों में जमा हो, इसके लिए प्रयास किये जायेंगे.
पैक्स बनेंगे डिपोजिट मोबलाइजेशन एजेंट : पैक्स को कॉमर्शियल हब के रूप में विकसित करने के बाद धान, गेहूं के अलावा स्थानीय स्तर पर उत्पादित होनेवाले कृषि उत्पाद, कला-शिल्प अन्य सामग्री का विपणन, वितरण की सुविधाओं से लैस किया जायेगा. इतना ही नहीं पैक्स को डिपोजिट मोबलाइजेशन एजेंट बनाया जायेगा. इसके साथ ही को-ऑपरेटिव बैंकों को आधुनिक तकनीक व सुविधाओं से लैस किया जायेगा. सहकारी बैंक की सभी शाखाओं में एटीएम की स्थापना,
एटीएम की सुविधा से किसान को केसीसी से जोड़ने, ऋण वसूली के लिए ओटीएस की सुविधा, मध्य-दीर्घकालीन ऋण, वाहन, आवास, व्यावसायिक ऋण, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, सरकार प्रायोजित ऋण योजना, पॉश मशीन, माइक्रो एटीएम आदि योजनाएं लागू करने के साथ ही मोबाइल बैंकिंग की सेवा भी जल्द शुरू की जायेगी.
अधिक सदस्य बनाने पर मिलेगा मॉडल पैक्स का दर्जा : सूत्रों के अनुसार पैक्स को अधिक- से- अधिक सदस्य बनाने के लिए निर्देशित किया गया है. जिले में सबसे अधिक सदस्य बनाने पर उक्त पैक्स को मॉडल पैक्स का दर्जा मिलेगा. इसके साथ ही, राज्य सरकार ने पैक्स सदस्य बनने के लिए ऑनलाइन आवदेन करने की व्यवस्था है.
इसके तहत कोई भी ग्रामीण संबंधित पैक्स का आसानी से सदस्य बन सकता है. सबसे पहले सहकारिता विभाग का साइट खोलें. इसके बाद मोबाइल एप डॉट बीआइएच डॉट एनआइसी डॉट इन स्लैस इ पैक्स मेंबर में जाने पर आवेदन पत्र का प्रारूप मिलेगा. इस आवेदन प्रारूप में मांगी गयी सभी जानकारियां अपने मोबाइल नंबर के साथ डालना होगा. अपना वैध पहचान पत्र व आवासीय प्रमाणपत्र स्कैन कर आवेदन पत्र के साथ अटैच करना होगा. इसे विभाग की साइट पर भेजने के बाद विभाग के पास स्वत: आवेदन पहुंच जायेगा.
ऑनलाइन होंगे आवेदन
राज्य सरकार ने पैक्स को कॉमर्शियल हब बनाने का निर्णय लिया है. लेकिन, इस आलोक में अब तक कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. संभवत: आगामी वित्तीय वर्ष से इसकी तैयारी शुरू होगी. किसानों को सदस्य बनाने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर ऑनलाइन आवेदन लिये जायेंगे. इसकी तैयारी में विभाग लगा हुआ है.
अजय कुमार अलंकार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, बक्सर
किसानों को अब ऐसे मिलेगी सदस्यता
जिला सहकारिता कार्यालय द्वारा आवेदकों से प्राप्त आवेदन संबंधित पैक्स अध्यक्षों को भेज दिया जायेगा. यदि 15 दिनों के भीतर पैक्स अध्यक्ष द्वारा आवेदक को सदस्य बना दिया गया, तो ठीक अन्यथा 15 दिनों के बाद आवेदक स्वत: पैक्स सदस्य बन जायेगा. यदि किसी आवेदन को संबंधित पैक्स अध्यक्ष द्वारा कोई त्रुटि बता कर रद्द किया जायेगा, तो उस प्रखंड के सहकारिता पदाधिकारी इसकी जांच करेंगे. त्रुटि सत्य पायी गयी, तो आवेदक को उसे दूर करने को कहा जायेगा. त्रुटिरहित आवेदन के लिए आवेदक को मोबाइल पर सदस्यता शुल्क जमा करना होगा. सदस्यता शुल्क जमा होते ही आवेदक पैक्स का सदस्य बन जायेगा.

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