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शारदीय नवरात्र की तैयारी में जुटे भक्त
बक्सर : भारतीय संस्कृति में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है. इसे लेकर बक्सर में अभी से ही भक्त माता के आगमन को लेकर तैयारी में जुट गये हैं़ वहीं, बाजारों में भी दुर्गा पूजा को लेकर धमक दिखने लगी है. बता दें कि डुमरांव में मां डुमरेजनी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या […]
बक्सर : भारतीय संस्कृति में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है. इसे लेकर बक्सर में अभी से ही भक्त माता के आगमन को लेकर तैयारी में जुट गये हैं़ वहीं, बाजारों में भी दुर्गा पूजा को लेकर धमक दिखने लगी है. बता दें कि डुमरांव में मां डुमरेजनी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचेंगे. वहीं, गहमर में विशेष अनुष्ठान की तैयारी चल रही है.
नौ दिनों तक चलनेवाली नवरात्र में दुर्गा के नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कदमाता, कत्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. आम तौर पर शारदीय नवरात्र नौ दिवसीय होती है. तिथि घटने पर कभी-कभी आठ दिन की हो जाती है, लेकिन इस बार शारदीय नवरात्र दस दिन तक चलेगी. एक से 10 अक्तूबर सुबह 5.53 बजे द्वितीया तिथि लग रही है, जो तीन से सुबह 7.44 बजे तक रहेगी.
सूर्योदय के बाद इसके खत्म होने के कारण पूरा दिन द्वितीया तिथि मानी जायेगी. इसी कारण नवरात्र इस दिन की हो रही है जो दस अक्तूबर को संपन्न होगी.
नवरात्र का बढ़ता शुभ : आम तौर पर नवरात्र नौ दिनों की होती है. कभी-कभी तिथि बढ़ती-घटती है. नवरात्र का बढ़ना शुभ माना जाता है. यह सुख, शांति व समृद्धि का सूचक है. इस संबंध में डॉ पंकज शुक्ल कहते हैं कि इस बार नवरात्र दस दिन की है. द्वितीया तिथि दो दिन तक है. एक अक्तूबर को कलश स्थापना एवं दस अक्तूबर को नवमी है. 11 अक्तूबर को विजय दशमी है.
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