नहर विभाग की जमीन है ‘जितना चाहो दखल करो’
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मची है लूट. नहर विभाग की जमीन पर आम लोगों का कब्जा
नहर विभाग की जमीन है ‘जितना चाहो दखल करो’ बक्सर जिले में नहर विभाग के जमीन और मकानों पर अतिक्रमणकारियों को खुली छूट मिल गयी है और जिसे मन कर रहा वही, जमीन व मकान दखल कर ले रहा है. क्योंकि शहरी क्षेत्र में नहर विभाग की कई जमीनें हैं, जो सूख जाने के कारण […]
बक्सर जिले में नहर विभाग के जमीन और मकानों पर अतिक्रमणकारियों को खुली छूट मिल गयी है और जिसे मन कर रहा वही, जमीन व मकान दखल कर ले रहा है. क्योंकि शहरी क्षेत्र में नहर विभाग की कई जमीनें हैं, जो सूख जाने के कारण नहर न बन कर सपाट मैदान हो गयीं हैं. उन मैदानी भागों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा बढ़ता जा रहा है.
बक्सर : शहर के बाइपास से लेकर नाथ बाबा पुल तक नहर विभाग का लंबा चौड़ा क्षेत्र फैला हुआ है. इस क्षेत्र में मात्र बरसात के दिनों में थोड़ा-बहुत पानी दिखता है, बाकी समय में नहर सपाट जैसा ही रहती है. इसका फायदा उठा कर अतिक्रमणकारियों ने झोंपडि़यां डाल दी हैं. झोंपड़ी डाले जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. इतना ही नहीं नहर विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर दुकानें भी बनायी गयीं हैं, जो झोंपड़ी और पक्के कंस्ट्रक्शन के रूप में बन चुके हैं.
जानकारी के अनुसार शुरुआत में तो गरीब-गुरबे झोंपडि़यां बनाये और अतिक्रमण किये थे, मगर देखते-ही-देखते जमीन के कारोबारियों की नजर उन जमीनों पर चली गयी और उनकी ओर से भी संपन्न लोग जमीन पर कब्जा जमाने लगे. आलम यह है कि बाइपास से लेकर नाथ बाबा पुल तक करीब चार दर्जन झोंपडि़यां और दुकानें बन चुकी हैं और प्रशासन के नाक के नीचे यह अतिक्रमण बदस्तूर जारी है. इस पर रोक लगाने में नहर विभाग न सिर्फ विफल है, बल्कि अतिक्रमण को रोकने के लिए प्रशासनिक पहल भी शुरू नहीं हो पायी है.
जमीन के साथ-साथ विभाग के मकानों पर हो रहा कब्जा : नहर विभाग की जमीन पर अतिक्रमण के साथ-साथ नहर विभाग के मकानों और कार्यालयों पर भी लोगों की नजर रहती है. यहां तक कि कई सरकारी कार्यालय भी नहर विभाग के कार्यालयों और भवनों में चल रहे हैं. नहर विभाग का काम दिनोंदिन घटता जा रहा है. क्योंकि नहरों में पानी का सदैव अभाव बना रहता है, जिसका लाभ अतिक्रमणकारी उठा रहे हैं.
जमीन कोरोबारी झोंपड़ी लगा वसूल रहे किराया : नहर विभाग की जमीन के अतिक्रमण में जमीन के कारोबारी प्रवेश कर चुके हैं और बकायदा सरकारी जमीन अतिक्रमण में उन लोगों की भागीदारी हो रही है. सूत्र बताते हैं कि अतिक्रमणकारियों के ठेकेदार उन लोगों से पैसे भी वसूल रहे हैं. जिन लोगों ने अब तक झोंपडि़यां बनायी है, उनमें से अधिकांश लोगों से जमीन के ठेकेदारों ने अवैध वसूली की है. जिसके बारे में नहर विभाग तक को कोई जानकारी नहीं है अथवा नहर विभाग के कतिपय अधिकारियों की मिलीभगत से इस मामले में अंकुश नहीं लगाया जा सका है.
नहरों का विकास व विस्तार वर्षों से बंद है : फिलहाल नहर विभाग पर बने कटहिया पुल और नाथ बाबा पुल पर लगातार पुलों का निर्माण को लेकर दिन रात काम चल रहा है. नहर का हिस्सा गंगा नदी तक जाता है. जबकि दूसरी तरफ नहर विभाग का हिस्सा सिंडिकेट तक भी जाता है. नहरों का विकास और विस्तार वर्षों से बंद होने के कारण खाली पड़ी जमीन के कारोबारियों की नजर है. न सिर्फ बक्सर का शहरी क्षेत्र बल्कि देहाती क्षेत्रों में भी नहर की जमीन पर लगातार अतिक्रमण किये जा रहे हैं और झोंपडि़यां डाली जा रही हैं. क्योंकि कई नहरों में टील एंड तक पानी ही नहीं पहुंचता.
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