buxar news : बक्सर. जिले भर में धान फसल की कटनी का कार्य जोर पकड़ लिया है. किसान खेतों में खड़ी फसल की कटाई के बाद खलिहानों में धान का भंडारण कर बेचने का इंतजार करने लगे हैं. क्योंकि इस बार बाजार भाव की मंदी के कारण खरीदारों का टोटा तो है ही, सरकारी एजेंसियां भी खरीदारी में सुस्ती बरत रही है.
लिहाजा सरकारी धान क्रय में तेजी नहीं आ रही है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 15 नवंबर से क्रय की प्रक्रिया शुरू की गयी है, लेकिन अभी तक 58 किसानों से मात्र 510.610 एमटी धान की खरीदारी हुई है. सहकारिता विभाग द्वारा धान क्रय के लिए जिले की कुल 108 समितियों का चयन किया गया है, जिसमें 101 पैक्स एवं 07 व्यापार मंडल शामिल हैं. किसानों की माने तो इन समितियों द्वारा क्रय केंद्र खोले जाने की तख्ती तो लगा दी गयी है, लेकिन धान में नमी का बहाना बनाकर उन्हें टरका दिया जा रहा है. इससे उनकी परेशानी बढ़ गयी है.खरीदारी में डुमरांव प्रखंड अव्वल
अभी तक धान की खरीदारी में डुमरांव प्रखंड अव्वल स्थान पर है. डुमरांव में कुल 11 किसानों से 141.010 एमटी धान क्रय हुआ है. जबकि 9 किसानों से 73.900 एमटी क्रय कर नावानगर प्रखंड दूसरे तथा सात किसानों से 57.100 एमटी खरीदारी कर इटाढ़ी तीसरे स्थान पर है. इसी तरह बक्सर में छह किसानों से 57 एमटी की खरीदारी हुई है.एमएसपी पर की जानी है खरीदारी
सहकारी समितियों द्वारा विकेंद्रीकृत्त प्रणाली के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीद की व्यवस्था की गयी है. इसके तहत प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल एवं ग्राम पंचायत स्तर पर खरीद की जिम्मेदारी पैक्स को सौंपी गयी है. धान खरीद के 48 घंटे के अंदर किसानों के बैंक खाते में पैसे को ट्रांसफर करना है. चालू विपणन मौसम में केंद्र सरकार द्वारा सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 20369 रुपये प्रति क्विंटल तथा ग्रेड ए का 2,389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

