बक्सर : छठ पूजा का महापर्व सूर्यदेव की उपासना के लिए मनाया जाता है, ताकि परिवार को सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त हो सके. संतान सुख और संतान के सुखद भविष्य के लिए भी व्रती चैती छठ का व्रत रखते हैं.
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नौ अप्रैल से शुरू होगी चैती छठ
बक्सर : छठ पूजा का महापर्व सूर्यदेव की उपासना के लिए मनाया जाता है, ताकि परिवार को सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त हो सके. संतान सुख और संतान के सुखद भविष्य के लिए भी व्रती चैती छठ का व्रत रखते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से नि:संतानों को संतान प्राप्त होती है […]
ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से नि:संतानों को संतान प्राप्त होती है तथा मनचाही मनोकामना पूर्ति के लिए भी छठ का व्रत रखा जाता है. आस्था, साधना, अाराधना और सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ इस बार नौ अप्रैल मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. इसको लेकर व्रतियों के घरों में अभी से भक्ति का माहौल बनने लगा है.
बेहद खास और अहम पर्व छठ कई मायने में खास होता है. गर्मी और सूर्य की तपिश के बावजूद व्रती दो दिनों तक उपवास रहकर भक्ति में लीन रहते हैं. ज्योतिषाचार्य पं चंद्रकिशोरमणि त्रिपाठी ने बताया कि चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व नौ अप्रैल को नहाय-खाय से शुरू होगा. 36 घंटे के उपवास के बाद व्रती शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ देकर पर्व का समापन करेंगे.
एक नजर में कार्यक्रम
नहाय-खाय – मंगलवार नौ अप्रैल
खरना- बुधवार 10 अप्रैल
प्रथम अर्घ – गुरुवार 11 अप्रैल, सूर्यास्त -06:01 बजे
द्वितीय अर्घ – शुक्रवार 12 अप्रैल, सूर्योदय – 05:32 बजे
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