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प्राथमिक विद्यालय में शौचालय नहीं

अनदेखी. जगह की कमी से अनुसूचित जाति स्कूल में क्लास रूम में बनता है एमडीएम डुमरांव : वार्ड नंबर 25 के दक्षिण टोला स्थित अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय का भवन तो चकाचक है, लेकिन विद्यालय में बच्चों व शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए शौचालय नदारद है, जिससे बच्चे व गुरुजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. […]

अनदेखी. जगह की कमी से अनुसूचित जाति स्कूल में क्लास रूम में बनता है एमडीएम

डुमरांव : वार्ड नंबर 25 के दक्षिण टोला स्थित अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय का भवन तो चकाचक है, लेकिन विद्यालय में बच्चों व शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए शौचालय नदारद है, जिससे बच्चे व गुरुजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. विद्यालय में छात्र-छात्राओं की सुविधा को लेकर नगर पर्षद ने समरसेबल लगाकर पानी टंकी बैठा दिया है.
जबकि शौचालय की बात करें, तो नहीं है. शौच करने को लेकर बच्चों को अपने-अपने घर जाना पड़ता है, तो गुरुजन दूसरे के दरवाजे पर पहुंचते हैं. इसी विद्यालय के साथ नगर का सबसे पुराना स्कूल टाउन प्राथमिक विद्यालय को जमीन के अभाव में मर्ज कर दिया गया है, जिससे विद्यालय में एक से पांच तक पढ़नेवाले बच्चों की संख्या 362 हो गयी. नामांकित बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या नौ होनी चाहिए, लेकिन पदस्थापित प्रधानाध्यापक सहित मात्र पांच टीचर हैं.
वर्तमान में एक शिक्षक प्रशिक्षण में गये हुए हैं. कम टीचर होने से बच्चों के पठन-पाठन में परेशानी का सामना करना पड़ता है. प्रधानाध्यापक कार्यालय, स्टोर रूम और अन्य सामग्री रखने के लिए क्लास रूम ही मौजूद है. चार कमरों में एक कमरे में मध्याह्न भोजन बनता है. बाकी में पठन-पाठन का कार्य होता है. विद्यालय महादलित बस्ती में होने से इन्हीं परिवार के बच्चों सहित टाउन प्राथमिक विद्यालय मर्ज होने से ठठेरी बाजार के बच्चे पढ़ने पहुंचते हैं, लेकिन सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि विद्यालय परिसर में शौचालय नहीं है. इस विद्यालय की स्थापना सन 1975 में हुई थी.
बच्चों के अनुपात में नहीं हैं शिक्षक व भवन : दक्षिण टोला में स्थित अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के अनुपात में शिक्षक नहीं हैं, जिससे बच्चों के पठन-पाठन में शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. नामांकित बच्चों की संख्या 362 है, तो टीचर की संख्या प्रधानाध्यापक सहित पांच है, जिसमें एक प्रशिक्षण के लिए गये हुए हैं. बच्चों की संख्या अधिक और कमरों की संख्या चार होने से बच्चे कुव्यवस्था के बीच पढ़ने को विवश हैं. चार कमरों में एक कमरे में एमडीएम व अन्य सामग्री रहता है.
1932 के स्थापना काल का विद्यालय हुआ मर्ज : इस विद्यालय में चलनेवाला विद्यालय टाउन प्राथमिक विद्यालय कभी बिछली गली, कभी ठठेरी बाजार में चलता था, जिसकी स्थापना 1932 हुई थी. अप्रैल माह में जमीन के अभाव में इसको अनुसूचितजाति प्राथमिक विद्यालय के साथ मर्ज कर दिया गया. 85 वर्ष पुराने विद्यालय को मर्ज कर इसके अस्तित्व को मिटा दिया गया. इस विद्यालय को मर्ज न करें इसके लिए जमीन की तलाश कर भवन का निर्माण होना चाहिए था. नगर के सेवानिवृत्त स्टेशन मास्टर श्रीकृष्ण प्रसाद, ददनी मिश्र, पूर्व शिक्षक परमानंद गोस्वामी, कन्हैया मिश्र, राधाकृष्ण राय जिला प्रशासन से गुहार लगायी कि इस पुराने विद्यालय के अस्तित्व का बचाया जाय.
क्लास रूम में बनता है एमडीएम
विद्यालय में मात्र कमरा है, जिसमें बच्चों का पठन-पाठन सहित प्रधानाध्यापक का कार्यालय मौजूद है. मध्याह्न भोजन का निर्माण व अन्य सामग्री एक कमरे में रहता है. बता दें पहले विद्यालय परिसर में चापाकल नहीं था, जिससे छात्र-छात्राओं को पेयजल समस्या से जूझना पड़ता था.
पढ़ाई कराने में हो रही परेशानी
विद्यालय परिसर में शौचालय नहीं रहने की सूचना बीआरसी सहित जिला मुख्यालय को दे दी गयी है. बच्चों की संख्या अधिक है और शिक्षकों की संख्या कम होने से पठन-पाठन बाधित होता है.
ओम प्रकाश दूबे, प्रधानाध्यापक

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