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BPSC TRE 2: बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के दूसरे चरण की घोषणा, बदला परीक्षा पैटर्न, जानें महत्वपूर्ण बातें

बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने शनिवार को बताया कि बिहार में शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण के लिए अभ्यर्थी 5 नवंबर से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इस परीक्षा से इस बार 70,622 पद भरे जाने हैं, जो बढ़ सकती है. वहीं इस बार परीक्षा में कुछ बदलाव भी किए गए हैं.

BPSC Teacher Recruitment Exam-2 : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए दूसरे चरण की घोषणा कर दी है. अभ्यर्थी दूसरे फेज की बहाली के लिए 5 नवंबर से रजिस्ट्रेशन और 10 नवंबर से आवेदन कर सकते हैं. यह आवेदन 25 नवंबर तक आयोग की आधिकारिक वेबसाइट Bpsc.bih.nic.in पर ऑनलाइन किया जाएगा. यह जानकारी बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने शनिवार को आयोग कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पहले चरण की नियुक्ति प्रक्रिया में आईं दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए इस बार परीक्षा में कुछ बदलाव किए गए हैं.

कब तक कर सकते हैं आवेदन

नियुक्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया रविवार से शुरू होगी. आवेदकों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और परीक्षा शुल्क का भुगतान पांच नवंबर से शुरू होगा जो बिना विलंब शुल्क के 14 नवंबर तक होगा. वहीं यह कार्य विलंब शुल्क के साथ 17 नवंबर तक कराया जा सकेगा. 10 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन शुरू होगा जो 25 नवंबर तक लिया जायेगा. वहीं शिक्षक नियुक्ति के पहले चरण में दस्तावेज सत्यापन पूरा न करने वाले अभ्यर्थियों के कारण जो रिक्तियां राज जाएंगी उसे सप्लीमेंट्री रिजल्ट के माध्यम से भर लिया जाएगा.

इतने पदों पर होगी भर्ती

बीपीएससी अध्यक्ष ने बताया कि द्वितीय चरण में नियुक्ति के लिए कुल 70,622 रिक्तियों की अधियाचना अभी प्राप्त हुई है. इनमें 69706 शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले मध्य , माध्यमिक, माध्यमिक (विशेष विद्यालय) और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों के हैं. जबकि 916 पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले विद्यालयों में प्रारंभिक शिक्षक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापक के हैं.

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रिक्ति बढ़कर हो सकती है 1.20 लाख

अतुल प्रसाद ने यह भी बताया कि प्रथम चरण की शिक्षक नियुक्ति में शेष रह गये लगभग 50 हजार रिक्तियों के मिलने पर उन्हें भी इसी परीक्षा में जोड़ दिया जायेगा. इसमें कक्षा छह से आठ के लिए 16140 पद, कक्षा नौ से दस के लिए 18877 पद और कक्षा 11 वीं और 12 वीं के लिए 18577 रिक्तियां हैं. इसके बाद रिक्तियों की संख्या बढ़कर 1.20 लाख हो जाने की संभावना है.

ऐसा होगा प्रश्नपत्र

द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा अब दो दिन की जगह एक दिन ली जाएगी. इस बार पेपर में अभ्यर्थियों को क्वालीफाईंग पेपर भाषा, सामान्य अध्ययन और विषय के लिए दो अलग अलग पेपर की परीक्षा की बजाय एक ही पेपर की परीक्षा देनी होगी.

हर श्रेणी के अभ्यर्थियों को 150 प्रश्न वाली एक प्रश्न पुस्तिका दी जायेगी, जो तीन अलग अलग पार्ट में बंटी होगी. खंड एक में 30 अंक के भाषा के प्रश्न होंगे. यह क्वालीफाईंग होगा. अगर इसमें टाईब्रेकर होता है तो उसमें नाम और जन्मतिथि को वरीयता दी जाएगी.

पेपर के खंड दो में सामान्य अध्ययन के 40 प्रश्न और खंड तीन में विषय के 80 प्रश्न होंगे. इन दोनों खंड के 120 प्रश्न के अंकों के आधार पर मेधासूची बनेगी. यदि इसमें दो अभ्यर्थियों का एक सामान रिजल्ट आता है तो खंड 3 के अंकों के आधार पर योग्य अभ्यर्थी चुना जाएगा.

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क्वालीफाईंग में हिंदी और अंग्रेजी दोनों को मिलाकर लाना होगा नौ अंक

प्रश्नपत्र के पहले खंड के 30 प्रश्नों में 22 प्रश्न हिंदी के और आठ प्रश्न अंग्रेजी के होंगे. इस खंड में अभ्यर्थियों को 30 फीसदी यानि 9 अंक लाना अनिवार्य होगा. हलांकि इसमें हिंदी और अंग्रेजी दोनों से अलग अलग 30 फीसदी अंक नहीं लाकर बल्कि समवेत रुप से नौ अंक (30 फीसदी ) लाना होगा.

बदल गया टाइब्रेकर का नियम

शिक्षक नियुक्ति के पहले चरण में अंक समान होने की स्थिति में सबसे पहले आवेदकों की उम्र पर विचार किया जाता था और समान होने की स्थिति में अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार नाम को प्राथमिकता दी जाती थी, लेकिन इस बार जब पार्ट 3 में विषय रखने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी. प्रश्नों में प्राप्त अंकों को एक पैमाने के रूप में उपयोग किया जाएगा और जिन लोगों को विषय में अधिक अंक मिले हैं उनका चयन किया जाएगा. किसी विषय में समान अंक होने की स्थिति में भाग 1 के क्वालीफाइंग भाग में प्राप्त अंकों को आधार माना जाएगा और अधिक अंक प्राप्त करने वालों का चयन किया जाएगा. यदि अंक समान हैं और उम्र भी समान है तो नाम के पहले अंग्रेजी अक्षर को मेरिट सूची में जगह दी जाएगी और चयन हो जाएगा.

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कल्याण विभाग की रिक्ति में अनुभव पर भी मिलेगा अंक

पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में अनुभव पर भी अंक मिलेगा. इसके अंतर्गत होने वाले प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए भी एसटीइटी नहीं चाहिए बल्कि उसके जगह अनुभव मांगी गई है.

अपियरिंग कैंडिडेट नहीं दे पायेंगे परीक्षा

परीक्षा में बैठने के लिए वांछित योग्यता चाहे वह बीएड और डीएलएड जैसी प्रशिक्षण संबंधी योग्यता हो, स्नातक और पीजी जैसी योग्यता या सीटेट और एसटीइटी जैसी योग्यता अभ्यर्थी को 25 नवंबर तक उसे पूरा करना होगा जो फॉर्म सबमिट करने का अंतिम दिन है. उसी दिन तक निर्गत प्रमाणपत्र स्वीकार किये जायेंगे और अपियरिंग कैंडिडेट परीक्षा नहीं दे पायेंगे.

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