राजगीर.विश्व मगही सम्मेलन का आयोजन 20 मई को औरंगाबाद के दाउदनगर के बुद्धन विगहा स्थित डॉ. भरत सिंह सभागार में आयोजित होगा. सम्मेलन में मगही भाषा, साहित्य, संस्कृति, लोककला, लोकगाथाओं और जनमानस की चेतना को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित और संरक्षित करने के लिए गहन चिंतन मंथन किया जायेगा. तीन सत्रों में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन सत्र मगही भाषा के इतिहास, उसकी वर्तमान स्थिति और संरक्षण के प्रयासों पर केन्द्रित होगा. इस सत्र में देश-विदेश के विद्वानों, शोधकर्ताओं, कवियों और साहित्यकारों द्वारा मगही भाषा की विविध समस्याओं, विकास की संभावनाओं, तकनीकी और शैक्षणिक समर्थन पर विमर्श किया जाएगा. इस मौके पर शोधपत्र वाचन, परिचर्चा एवं संवाद का आयोजन होगा. शाम में कवि सम्मेलन और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. सम्मेलन में देश के प्रख्यात मगही साहित्यप्रेमियों, शिक्षाविदों और समाजसेवियों में प्रमुख उदयशंकर शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, बिहार मगही अकादमी, डॉ. उपेन्द्र नाथ वर्मा – सदस्य, कॉलेज सेवा आयोग, पटना, डॉ. शम्भूशरण शर्मा, निदेशक, विवेकानंद पब्लिक स्कूल, दाउदनगर, ओमप्रकाश जमुआर, निदेशक, पटना दूरदर्शन, उषा सिन्हा , पटना, प्रभात वर्मा फिल्म निदेशक के अलावे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, नेपाल, मॉरीशस, अमेरिका, यूके, आदि देशों से भी मगही रचनाकार शामिल होंगे. डॉ. लालमणि विक्रांत, अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व मगही परिषद् और प्रो शिवेन्द्र नारायण सिंह ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि विश्व मगही परिषद् सदैव मगही भाषा, संस्कृति और साहित्य को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठापित करने के लिए प्रयास रत है. सम्मेलन से लोकसंस्कृति और जनभाषा को नया जीवन मिलेगा.
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