बिहारशरीफ. जिले में पिछले चार दिनों से मौसम ने ऐसा करवट बदली है कि आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार कोहरे और तेज पछुआ हवा के कारण न सिर्फ ठंड बढ़ गई है, बल्कि सूर्यदेव के दर्शन भी दुर्लभ हो गए हैं. गुरुवार की सुबह से छाया कोहरा भले ही कुछ हद तक कम हुआ हो, लेकिन ठंड की तीव्रता कम होने का नाम नहीं ले रही है. जिले का अधिकतम तापमान जहां 21–22 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, वहीं न्यूनतम तापमान गिरकर 9–10 डिग्री तक पहुंच गया है. लगातार बढ़ रही कनकनी और ठंढ से लोग शाम ढलते ही घरों में दुबकने को मजबूर हो रहे हैं. चार दिनों से धूप नहीं निकलने के कारण ठंड का असर और अधिक महसूस किया जा रहा है.ठंड से बचाव के लिए जिलेवासियों को रूम हीटर, बोरसी और अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों को हो रही है, जो अब तक सामान्य स्कूल ड्रेस में केवल एक स्वेटर या ब्लेजर पहनकर स्कूल पहुंच रहे हैं. हालांकि प्री-स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन समय में बदलाव किया गया है, लेकिन अन्य विद्यालयों के बच्चे ठंड में ठिठुरते हुए स्कूल जाने को मजबूर हैं. वहीं घरों में महिलाओं और बुजुर्गों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है. ऐसे में लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. दो दिन में भी नहीं सूख रहे गीले कपड़े:- जिले में ठंड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों के गीले कपड़े दो दिनों में भी नहीं सूख पा रहे हैं. सूर्यदेव के दर्शन नहीं होने से सुबह से शाम तक मौसम एक जैसा बना हुआ है. चौबीसों घंटे आसमान में बादलों की मौजूदगी और लगातार बह रही पछुआ हवा से शाम ढलते ही ठंड और बढ़ जाती है. जैसे-जैसे रात गहराती है, ठंडक और अधिक तीखी हो जाती है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बच्चों और बुजुर्गों की बढ़ी चिंता:- जिले में लगातार चार दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण बच्चों और बुजुर्गों की परेशानी काफी बढ़ गई है. खासकर नवजात शिशुओं और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत पड़ रही है. वहीं बुजुर्गों को भी ठंड से बचाने के लिए परिजन लगातार सतर्क नजर आ रहे हैं. यदि मौसम में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है. गर्म कपड़ों और हीटर की बढ़ी मांग:- अब तक हल्की ठंड के कारण लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे और पुराने या कम कपड़ों से काम चला रहे थे. लेकिन पिछले गुरुवार को मौसम में आए अचानक बदलाव के बाद लोग ठंड से बचाव के उपायों में जुट गए हैं. गर्म कपड़े, शॉल, चादर, कंबल की मांग तेजी से बढ़ गई है. इसके साथ ही हीटर, ब्लोअर, थर्मस फ्लास्क जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बिक्री में भी इजाफा हुआ है. ठंड बढ़ते ही बाजारों में गर्म कपड़ों और उपकरणों की खरीदारी से रौनक लौट आई है.
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