बिहारशरीफ. जिले में सुधा दूध पीने वालों के लिए एक जरूरी खबर है. अब उपभोक्ताओं को दूध के लिए अपनी जेब और ढीली करनी होगी, क्योंकि बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) ने 22 मई 2025 से सुधा ब्रांड के सभी प्रकार के दूध की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. यह बढ़ोतरी प्रति लीटर 1 रुपये से लेकर 6 रुपये तक की गई है, जो सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं के घरेलू बजट को प्रभावित करेगी. कॉम्फेड ने यह निर्णय वैशाली, पाटलिपुत्र और नालंदा डेयरियों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से सार्वजनिक किया है. साथ ही, बिहार और झारखंड दोनों राज्यों के लिए अलग-अलग आदेश जारी कर दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि नई कीमतें 22 मई से ही लागू होंगी. हालांकि कॉम्फेड ने मूल्यवृद्धि के पीछे कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया है, लेकिन डेयरी अधिकारियों और विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला पिछले ढाई वर्षों में पशु आहार, ईंधन, परिवहन, पैकेजिंग और अन्य परिचालन लागतों में आई भारी वृद्धि के कारण लिया गया है. डेयरियों का कहना है कि मूल्य वृद्धि जरूरी थी ताकि प्रोजेक्ट को नुकसान से बचाया जा सके. उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर यह है कि सुधा के अन्य उत्पाद जैसे घी, दही, लस्सी, पेड़ा आदि की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये उत्पाद अभी पहले जैसी दरों पर ही उपलब्ध रहेंगे. दूध का प्रकार- पुराना मूल्य- नई कीमत (प्रति लीटर)
गौरतलब है कि इससे पहले देश की प्रमुख डेयरी ब्रांड अमूल ने भी अपने विभिन्न प्रकार के दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी. ऐसे में अब सुधा द्वारा की गई मूल्यवृद्धि यह संकेत देती है कि दूध उत्पादन लागत में हो रही निरंतर वृद्धि का बोझ अब सीधे उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है. बढ़ती महंगाई के इस दौर में दूध जैसी आवश्यक वस्तु की कीमतों में वृद्धि से आम आदमी की जेब पर और ज्यादा भार पड़ेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दूध और दुग्ध उत्पादों की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं, तो इसका असर पोषण स्तर और खानपान की आदतों पर भी पड़ सकता है.
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