प्रतिनिधि, राजगीर. शहर के आर्यसमाज मंदिर के पास ब्लॉक रोड में नाला जीर्णोद्धार के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है. नाला निर्माण कार्य में लगे नगर परिषद के ठेकेदार के जेसीबी मशीन से गंगाजल की मुख्य पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई. इससे लाखों लीटर शुद्ध गंगाजल व्यर्थ बह रहा है. यह घटना न केवल नगर परिषद की मनमानी को उजागर करती है, बल्कि जल संरक्षण जैसे गंभीर विषय पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करती है. सूत्रों के अनुसार आर्य समाज मंदिर के पास टूटे नाला का जीर्णोद्धार कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया है. न ही पाइपलाइन के नक्शे की समुचित जानकारी निर्माण एजेंसी द्वारा ली गई है.परिणामस्वरूप जेसीबी मशीन की खुदाई के दौरान गंगाजल की मुख्य पाइपलाइन टूट गई. इस पाइपलाइन से प्रतिदिन हजारों लोगों को पीने योग्य शुद्ध गंगाजल की आपूर्ति होती है. पाइप के टूटते ही तेज़ी से गंगाजल बह रहा है। पाइप क्षतिग्रस्त करने के बाद जेसीबी मशीन लेकर चालक फरार हो गया है. वही स्थानीय लोगों द्वारा पीएचइडी और नगर परिषद को कई बार सूचना दी गयी. लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. इस कारण लाखों करोड़ों लीटर कीमती गंगाजल व्यर्थ बह रहा. यह घटना न सिर्फ पानी की बर्बादी का उदाहरण है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी दर्शाती है. वार्ड पार्षद डॉ. अनिल कुमार, अधिवक्ता रमाशंकर प्रसाद, पूर्व वार्ड पार्षद देव नन्द चौधरी एवं अन्य ने बताया कि जब देशभर में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में इस तरह की घटना चिंता का विषय हैं. आवश्यकता है कि भविष्य में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य से पहले सभी आवश्यक सूचनाओं की जांच की जाय. सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए , ताकि प्राकृतिक संसाधनों की इस प्रकार बर्बादी न हो. इसी तरह की घटना राजगीर छबिलापुर मोड़ के पास सब्जी की दुकान के पास भी घटना हुई है. वहां भी लाखों लीटर गंगाजल की बर्बादी हो रही है. इन घटनाओं की सूचना एसडीओ और डीएम को स्थानीय लोगों द्वारा दी गयी है. लेकिन शाम सात बजे तक एक भी जिम्मेदार पदाधिकारी घटना स्थल पर नहीं पहुंच सके हैं.
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