बिहारशरीफ. डायट नूरसराय, नालंदा में विगत बुधवार से शिक्षकों के लिए दो दिवसीय बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर आधारित कार्यशाला का गुरुवार को समापन हो गया. कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरुआत संस्थान के प्रभारी प्राचार्य डॉ मो सरफराज आलम के संबोधन से किया गया. प्राचार्य ने एफएलएन पर प्रकाश डालते हुए इसकी महत्ता के बारें में विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बताया कि किस प्रकार टीएलएम की सहायता से शिक्षण को बेहतर बनाया जा सकता है. इस अवसर पर संस्थान के व्याख्याता डॉ पुष्कर कुमार, संगम भारती, अनिल कुमार, डॉ ओमप्रकाश तथा डॉ शशि भूषण आदि ने भी मूल विषय वस्तु पर विस्तार से चर्चा की. कार्यक्रम के समन्वयक सह नोडल पदाधिकारी व्याख्याता डॉ निर्मला ने बच्चों के मानसिक कार्य क्षमता का वर्द्धन के लिए एक खेल के माध्यम से उन्मुखीकरण करने का कार्य किया. वहीं गणितीय निपुण तालिका को भरने की विधि, भरने में किन-किन चीजों पर ध्यान देना है, आदि के संबंध में साधन सेवी प्रशांत प्रियदर्शी ने विशेष चर्चा की. वहीं साधन सेवी डॉ अभिनव कुमार ने प्रगति पत्रक भरने की विधि उसकी आवश्यकता आदि पर चर्चा की. साधन सेवी मिथिलेश कुमार द्वारा डीएलएड बच्चों को सात समूहों में बाँटकर सामूहिक कार्य कराने का कार्य किया. जिसका अवलोकन साधन सेवी प्रशांत केतु द्वारा किया गया. इस समूह कार्य को बच्चों ने खुद से बनाकर प्रस्तुत किया. इसके बाद साधन सेवियों ने सभी प्रस्तुतियों पर अपना-अपना सुझाव दिया, ताकि शैक्षिक गतिविधियों को विद्यालय में और ज्यादा रोचक और गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सके. साधन सेवियों के द्वारा विद्यालयों में उपलब्ध एफएलएन किट का उपयोग कर निपुण बिहार मिशन को स-समय पूरी करने का सुझाव दिए गये.
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