प्रतिनिधि, राजगीर. अच्छे जीवन के लिए खेल अत्यंत आवश्यक हैं. यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. खेल से शरीर सक्रिय रहता है. रोगों से बचाव होता है. इससे शारीरिक फिटनेस बनी रहती है. शहर के बिहार खेल विश्वविद्यालय में आयोजित पहले दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर सिन्हा ने गुरूवार को यह कहा. बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में उभरते पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम विकास विषयक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. सम्मेलन में देश के प्रमुख शारीरिक शिक्षा एवं खेल विज्ञान के चुनिंदा शिक्षाविद्, नीति निर्धारक, उद्योग विशेषज्ञ और खेल विशेषज्ञ शामिल हैं. उनके द्वारा शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान में उभरते पाठ्यक्रम डिजाइन और शैक्षणिक नवाचार विषय पर गहन चर्चा- परिचर्चा किया जा रहा है. इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि स्वस्थ, सुखी और संतुलित जीवन जीने के लिए खेल आवश्यक है. खेल न केवल मांसपेशियों को मजबूत करता है, बल्कि आत्मविश्वास और अनुशासन भी बढ़ाता है. खेल सामाजिकता को बढ़ावा देता है। टीम वर्क सिखाता है. तनाव को कम करने में मदद करता है. उन्होंने कहा कि नियमित रूप से खेल खेलने से मानसिक ताजगी बनी रहती है. जीवन में ऊर्जा और उत्साह बना रहता है. कुलपति सिन्हा ने यूजीसी मान्यता और एआईयू की सदस्यता मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि बिहार खेल विश्वविद्यालय अगले शैक्षणिक सत्र की शुरुआत तीन पाठ्यक्रमों के साथ करेगा. इससे राज्य की शैक्षणिक पृष्ठभूमि में नया अध्याय जोड़ा जायेगा. कुलपति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस दृष्टिकोण का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने बिहार को खेल उत्कृष्टता का केंद्र बनाने का सपना देखा है.
— खेलों में आ रही निरंतर नवीनता
शिशिर सिन्हा ने कहा कि पहले की तुलना में स्पोर्ट्स में बहुत बदलाव हुआ है. ई-स्पोर्ट्स, वर्चुअल रियलिटी गेमिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी नई श्रेणियां लोकप्रिय हो रही हैं. तकनीक के विकास से खेलों में डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बायोमैकेनिक्स का उपयोग बढ़ा है. इससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में बहुत सुधार हुआ है.उन्होंने कहा कि फिटनेस ट्रैकर्स और स्मार्ट उपकरणों ने प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी बना दिया है.
— आईएएस से अधिक धन अर्जित कर सकते हैं खिलाड़ी
कुलपति ने कहा कि खेल में आईएएस से अधिक धन अर्जित किया जा सकता है। यह पूरी तरह प्रतिभा, मेहनत और अवसरों पर निर्भर करता है. एक सफल खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करके करोड़ों की कमाई कर सकता है, जबकि आईएएस अधिकारियों का वेतन और भत्ते निश्चित होते हैं. उन्होंने कहा कि क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे खेलों में प्रायोजन, विज्ञापन और लीग अनुबंधों से भारी धन अर्जित किया जा रहा है. खेल में अधिक धन संभव है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होते हैं.
— सूबे के छह हजार पंचायतों में खेल मैदान का निर्माण आरंभ
— राजगीर के खेल परिसर में 24 प्रकार के खेलों का स्पोर्ट्स ग्राउंड तैयार
खेल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एवं डीन निशिकांत तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुये पीपीटी के माध्यम से विश्वविद्यालय की यात्रा का वर्णन किया. बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के महत्व और भविष्य की योजनाओं पर उनके द्वारा प्रकाश डाला गया. उन्होंने कहा कि राजगीर के खेल परिसर में 24 प्रकार के खेलों का स्पोर्ट्स ग्राउंड तैयार है.।कार्यक्रम का शुभारंभ बिहार गीत से किया. विश्वविद्यालय के कुलसचिव रजनीकांत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया.
— सम्मेलन में ये भी हुये शामिल
उद्घाटन समारोह में डीएम शशांक शुभंकर, मेजर जनरल एस.एन. मुखर्जी, पूर्व कुलपति, एलएनआईपीई, ग्वालियर, प्रो. ललित शर्मा, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो. विक्रम सिंह, बीचयू, वाराणसी, डॉ. जे.पी. भूकर. सीयूएच, महेन्द्रगढ़, डॉ. योगेश चंद्र एसयूओएच, सोनीपत, डॉ. संजीव कुमार सीयूपी भटिंडा, डॉ. रौशन कुमार, परिचालन प्रमुख, एसपीएएबी, पटना, डॉ. शंभु प्रसाद, आरजीसीयू, ईटानगर, डॉ भीष्म सिंह, एएसपीजीसी, लखैटी (यूपी) एवं अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल हुये.
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