राजगीर. पर्यटन नगरी राजगीर के ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप को नई पहचान देने के उद्देश्य से राजगीर विकास परिषद का गठन किया गया है. यह परिषद न केवल प्राचीन धरोहरों के संरक्षण और संवर्द्धन पर कार्य करेगी, बल्कि आधुनिक सुविधाओं के विकास के साथ राजगीर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और मजबूत स्थान दिलाने का प्रयास करेगी. परिषद का लक्ष्य राजगीर की सांस्कृतिक धरोहर को अमर पहचान प्रदान करना है. परिषद के नव निर्वाचित अध्यक्ष सुधीर कुमार उपाध्याय ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि चक्रपाणि रेजिडेंशियल स्कूल के निदेशक डॉ. विश्वेंद्र कुमार सिन्हा, राज्य नागरिक परिषद के महासचिव वीरेंद्र कुमार सिंह और वार्ड पार्षद महेंद्र यादव को परिषद का संरक्षक बनाया गया है. परिषद के अध्यक्ष के पद पर राजगीर तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा कमेटी के प्रवक्ता सुधीर कुमार उपाध्याय को अध्यक्ष, धर्मेंद्र कुमार को उपाध्यक्ष, श्रवण कुमार यादव को महासचिव, परीक्षित नारायण सुरेश को संयुक्त सचिव, नीति राज को सचिव, मुन्ना कुमार को संगठन मंत्री और मुकेश कुमार कुशवाहा को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. इनके अलावे कार्यकारिणी के सदस्यों में रामवशिष्ठ नाथ उपाध्याय, डॉ जितेंद्र कुमार, संतोष कुमार भारती, अजय कुमार दांगी, अजीत कुमार सिंह, इंद्र मोहन सिंह निराला, दीप्ति कौशिक, महेश प्रसाद सिंह गहलौत, शिवकुमार सिंह, संजीव कुमार जैन, हरजीत सिंह, विकास कुमार उपाध्याय, डॉ राजीव कुमार, मो अकील, भिक्षु लेकी खांडू, सुमन दास, राईभंशु टोपो, सुधीर कुमार पटेल, डॉ राजेंद्र कुमार अग्रवाल, इं सुनील कुमार, सूरज देव यादव, लक्ष्मी नारायण सिंह, अंजना कुमारी, संजय कुमार, प्रो. ललन कुमार सिंह बनाये गये हैं. उपाध्याय ने बताया कि राजगीर विकास परिषद के बैनर तले 27 सितंबर को ब्रह्म कुंड क्षेत्र के यज्ञ शाला में विश्व पर्यटन दिवस का आयोजन किया जायेगा जिसमें मंत्री सांसद विधायक कुलपति प्रोफेसर जनप्रतिनिधि एवं अन्य प्रमुख लोग शामिल होंगे.
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