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वित्त रहित शिक्षा कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर किया आक्रोश व्यक्त

जिले के वितरहित शिक्षा कर्मियों ने बुधवार को काला बिल्ला लगाकर सरकार के प्रति कड़ा विरोध जताया.

बिहारशरीफ. जिले के वितरहित शिक्षा कर्मियों ने बुधवार को काला बिल्ला लगाकर सरकार के प्रति कड़ा विरोध जताया. इस अवसर पर वित्त रहित शिक्षा कर्मियों ने बताया कि एक तरफ सरकार के द्वारा छात्रों के रिजल्ट पर आधारित अनुदान देने की घोषणा की गई है, वह भी समय पर नहीं मिल पाता है. इससे वितरहित शिक्षा कर्मियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि होली जैसे खुशी के अवसर पर भी वित्त रहित कर्मियों को अनुदान की राशि नहीं मिलने से उनके घरों में होली फीकी रही. बिहार सरकार की गलत नीतियों के विरोध में बुधवार को सभी वित्त रहित शिक्षा कर्मी काला बिल्ला लगाकर काम किया. राज्य भर के वित्त रहित अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों, इंटरमीडिएट महाविद्यालय एवं संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के हजारों वितरहित शिक्षा कर्मियों में होली के मौके पर भी अनुदान नहीं मिलने से भारी आक्रोश है. आरपीएस कॉलेज हरनौत में वितरहित शिक्षा नीति को खत्म करने के लिए वित्तरहित शिक्षा कर्मियों के द्वारा आगे की आंदोलन की रणनीति बनाई गई है. वित्त रहित शिक्षक शिक्षकेत्तर संयुक्त मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ उपेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि वित्त रहित शिक्षा कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजव्यापी विरोध प्रदर्शन करने के लिए काला बिल्ला लगाकर कार्य किया गया है. संघर्ष मोर्चा की मुख्य मांगों में- अनुदान के बदले वेतनमान देने, सात वर्षों का बकाया अनुदान का एकमुश्त भुगतान करने, कार्यरत सभी शिक्षा कर्मियों की सेवा स्थाई करने, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आदि देने, माध्यमिक विद्यालयों का संबंधन फिर से जारी करने की मांग आदि मुख्य है. इस अवसर पर नालंदा जिला मोर्चा के अध्यक्ष डॉ संगीता कुमारी, महासचिव प्रो विजय कुमार पांडेय, देवशरण महिला कॉलेज बिहार शरीफ के डॉ संजय कुमार आदि ने बताया कि अनुदान के बदले वेतनमान की मांग पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. आंदोलन के अगले चरण में विधायक एवं मंत्रियों का क्षेत्र में घेराव किया जाएगा. यह घेराव पटना सहित पूरे राज्य भर में चलेगा. उन्होंने बताया कि आगामी 28 मार्च को सरकार की दोहरी नीति के विरोध में राजव्यापी पुतला दहन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार देश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां विकास का ढिंढोरा पिटा जा रहा है, जबकि यहां सरकार की दोहरी शिक्षा व्यवस्था के कारण करीब चालीस वर्षों से वितरहित व्यवस्था अभी भी जारी है. सरकारी कॉलेज के कर्मी वेतनमान लेकर कार्य करते हैं. वहीं वितरहित कर्मी अनुदान पर कार्य करते है. यह अनुदान भी आठ वर्ष से नहीं दिया गया है. अब तक कई कर्मी आर्थिक तंगी के कारण स्वर्ग सिधार गए हैं. आर्थिक तंगी के कारण वितरहित कर्मियों के अपने बच्चे भी पढ़ाई से दूर हैं. जैसे तैसे कर्ज के बोझ में जिंदगी जीने को मजबूर हैं. इस बार विधान सभा में मंत्री विजय चौधरी के द्वारा दिये गये बयान वित्त रहित कर्मियों को भीतर तक झकझोर दिया है.

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