बिहारशरीफ. राजगीर में रविवार को नालंदा जिला दस्तावेज नवीस संघ की एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिले के तीनों संघ के प्रतिनिधियों के लाभ राज्य के सदस्यों ने हिस्सा लिया. इस दौरान निबंधन विभाग द्वारा लागू की जा रही पेपरलेस 2025 प्रणाली और जमाबंदी की नई प्रक्रिया का जोरदार विरोध किया गया. बिहारशरीफ के अध्यक्ष चंद्रभूषण कुशवाहा ने राजगीर के अंजीत कुमार व रूपेश कुमार सिंह, विजय सिंह, जफर आलम सहित दर्जनों लोगों ने एकमत होकर सरकार की नई व्यवस्था को नकारते हुए इसे जनविरोधी और आम दस्तावेज लेखकों के हित के खिलाफ बताया. संघ के सदस्यों ने कहा कि सरकार डिजिटल व्यवस्था को जबरन थोप रही है, जिससे आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पर्याप्त तकनीकी सुविधा नहीं है, न ही लोग डिजिटल प्रक्रिया के प्रति पूरी तरह प्रशिक्षित हैं. ऐसी स्थिति में पेपरलेस व्यवस्था आम लोगों के लिए एक और बोझ बनकर आएगी. सरकार जमाबंदी के नाम पर दस्तावेज लेखकों की भूमिका को समाप्त करने का प्रयास कर रही है, जिससे हजारों लोगों का रोजगार प्रभावित होगा. संघ ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा. पूर्व में भी संघ की ओर से सरकार को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया गया था. इसके बावजूद उनकी मांगों की अनदेखी करते हुए इसे लागू कर दिया गया, जो लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है. संघ ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी कीमत पर न तो अपनी भूमिका समाप्त होने देंगे और न ही आम लोगों के अधिकारों को खत्म होने देंगे. बैठक के अंत में सभी सदस्यों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो चरणबद्ध आंदोलन करते हुए पूरे राज्य में दस्तावेज लेखन कार्य को ठप किया जाएगा. राजगीर में किए गए बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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