बिहारशरीफ. नालंदा जिले में हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे जनसुराज पार्टी के लिए बड़ा सदमा लेकर आए हैं. जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के सभी प्रत्याशी न केवल चुनाव हार गए, बल्कि अपनी जमानत तक जब्त होने से नहीं बचा पाए. इस सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की पुत्री लता सिंह जैसे प्रमुख चेहरे भी शामिल हैं. लता सिंह, जो अस्थावां सीट से मैदान में थीं, अपना जमानत राशि बचाने में भी विफल रहीं. एक दिग्गज राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद, उन्हें मतदाताओं का भरपूर समर्थन नहीं मिल सका. उनकी तरह ही, अन्य दो महिला प्रत्याशी—कुमारी पुनम सिन्हा और पूर्व जिला परिषद सदस्य तनुजा कुमारी—भी अपनी-अपनी सीटों पर जमानत जब्त होने से नहीं बच पाईं. बिहार शरीफ सीट से जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी और नगर निगम के पूर्व महापौर भी इस चुनावी सूनामी में बह गए उनके व्यापक प्रचार के बावजूद मतदाताओं पर वांछित प्रभाव नहीं पड़ा और उनकी जमानत भी जब्त हो गई. हरनौत और राजगीर विधानसभा क्षेत्रों में भी पार्टी के उम्मीदवारों का हश्च एक जैसा रहा. यहाँ तक कि चुनाव प्रचार के दौरान भी इन प्रत्याशियों के पक्ष में उल्लेखनीय उत्साह देखने को नहीं मिला, जिसका असर नतीजों में साफ दिखाई दिया. यह चुनावी नतीजा जनसुराज पार्टी के लिए एक गंभीर चेतावनी का संकेत है. पार्टी को अब अपनी रणनीति, जनसंपर्क और जमीनी समस्याओं पर पकड़ मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में मतदाताओं का विश्वास हासिल किया जा सके.
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