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आयुध निर्माणी कांड में झुलसे घायलों को किया गया एम्स रेफर

राजगीर. आयुध निर्माणी, नालंदा में सिविल वर्क के दौरान ज्वलनशील पदार्थ से हुई अग्निकांड में झुलसे तीनों घायलों को बेहतर इलाज के लिए एम्स, पटना रेफर किया गया है.

राजगीर. आयुध निर्माणी, नालंदा में सिविल वर्क के दौरान ज्वलनशील पदार्थ से हुई अग्निकांड में झुलसे तीनों घायलों को बेहतर इलाज के लिए एम्स, पटना रेफर किया गया है. घटना के बाद घायलों के परिजनों में कोहराम मच गया है. बताया जाता है कि आयुध निर्माणी में न कोई विस्फोट हुआ है और न ही गैस का रिसाव हुआ है. लेकिन साफ सफाई और टाइल्स लगाने के दौरान शुक्रवार की शाम ज्वलनशील पदार्थ (बारुद के कण) से आग लगने के कारण तीन दैनिक मजदूर बुरी तरह झुलस गये हैं. घायलों में श्रीचंद कुमार, मनोज कुमार और जयराम राजवंशी गंभीर रूप से घायल हैं. घटना के बाद आनन फानन में आउटसोर्सिंग ठेकेदार द्वारा उन्हें इलाज के लिए नालंदा ( बिहारशरीफ) के अस्पतालों की बजाय नवादा के निजी अस्पताल धर्मशीला में भर्ती कराया गया है, जहां से बेहतर इलाज के लिए शनिवार को उन्हें अपोलो एम्स, पटना रेफर किया गया है। यहां इस तरह की पहली घटना हुई है. घटना के बारे में कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. लिहाजा घटना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. यथा घटना कैसे हुई. घटना के कारण. घटना में झुलसे घायलों के घर परिवार का पता आदि़ सूत्रों के अनुसार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए जांच टीम का गठन किया गया है. गठित जांच टीम द्वारा जांच की कार्रवाई आरंभ कर दी गयी़ आयुध निर्माणी के पदाधिकारी इस घटना को लेकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. घटना की औपचारिक जानकारी राजगीर थाना से लेकर जिला प्रशासन तक दी गयी है. मिल रही जानकारी के अनुसार घायलों के परिजनों को सहायता के रुप में राशन पानी देने की तैयारी आयुध निर्माणी प्रशासन द्वारा की जा रही है. जानकार बताते हैं कि निर्माणी में सिविल वर्क का काम चल रहा था़ वहीं कहीं बारुद का कण पड़ा होगा़ बारुद गर्मी पाकर अत्यंत ज्वलनशील हो जाता है. घटना का कारण यही रहा होगा. लेकिन बारुद का कण वहां कैसे आयी है़ यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं हैं़ यहां बोफोर्स तोप का गोला तैयार किया जाता है. असावधानी अथवा किसी की लापरवाही- चूक के कारण यह हादसा होने की गुंजाइश बतायी जा रही है. जानकार बताते हैं कि बारुद से जले घाव ठीक होने में काफी समय लगता है. — घायल मनोज के घर नहीं जला चूल्हा इस कांड में गंभीर रूप से घायल मनोज कुमार राजगीर थाना क्षेत्र के सिथौरा निवासी भरत सिंह और शांति देवी के पुत्र हैं. घटना की जानकारी मिलने के बाद से पूरा परिवार सदमे में है. शुक्रवार की शाम से ही उनके घर में चुल्हा नहीं जला है. पूरा परिवार गमगीन है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. घर में सन्नाटा पसरा है. मनोज के चाचा मदन सिंह धर्मशीला अस्पताल, नवादा से भतीजा को देखकर शनिवार की दोपहर में अपने गांव लौटे हैं़ उनके भतीजा को आईसू में रखा गया है. काफी प्रयास के बाद घायल भतीजा से एक मिनट के लिए मिलाया गया. वह भी दूर से. भरत सिंह और शांति देवी बताते हैं कि करीब 15 -16 वर्षों से उनका बेटा मनोज कुमार माली का काम करता है़ इधर ठेकेदार द्वारा उससे कौन काम लिया जाता रहा है. यह उन्हें नहीं मालूम है. — घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे सीजीएम सीजीएम अनिल कुमार गुप्ता घायलों से मिलने के लिए शनिवार को नवादा के निजी अस्पताल गये हैं. लेकिन वहां उनके द्वारा मरीजों को क्या आश्वासन दिया गया आदि की जानकारी मीडिया को उपलब्ध नहीं करायी गयी है. — पदाधिकारी नहीं कर रहे फोन रिसीव आयुध निर्माणी, नालंदा के पदाधिकारियों द्वारा मीडिया का फोन रिसीव नहीं किया जा रहा है. ऐसे में लेवर से जुड़े सुपरवाइजर, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर से लेकर सीजीएम तक शामिल हैं.

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Prabhat Khabar News Desk
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