राजगीर. खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का आठवां दिन राजगीर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रोमांच, उत्साह और खिलाड़ियों की प्रतिभा से भरा रहा. विभिन्न राज्यों से आये प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों ने अपने-अपने खेलों में दमखम दिखाया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. राजगीर के अत्याधुनिक हॉकी स्टेडियम में दिनभर मुकाबलों का दौर जारी रहा. खिलाड़ियों ने न केवल रफ्तार और रणनीति का परिचय दिया, बल्कि अपने कौशल से दर्शकों को रोमांचित कर दिया. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और झारखंड जैसी पारंपरिक हॉकी ताकतों के बीच हुए मुकाबलों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. गेंद पर नियंत्रण, ड्रैग फ्लिक और डिफेंस की बारीकियां देखने लायक रहीं. दर्शकों की तालियों और कोचों के निर्देशों के बीच मैदान पर खिलाड़ियों का आत्मविश्वास झलकता रहा. रविवार की सुबह इंटरनेशनल हाॅकी स्टेडियम में बालिका वर्ग मध्य प्रदेश बनाम हिमाचल प्रदेश के बीच प्रतिस्पर्धा की शुरुआत हुई. इस प्रतिस्पर्धा में मध्य प्रदेश की टीम ने धमाकेदार जीत दर्ज की है. मध्यप्रदेश ने हिमाचल प्रदेश को 5-0 से हराकर विजेता बना गयी है. मध्यप्रदेश की टीम ने बेहतरीन तालमेल और आक्रामक रणनीति का प्रदर्शन किया. इससे विपक्ष को वापसी का कोई मौका नहीं मिल सका. प्रैक्टिस टर्फ पर बालक वर्ग में उत्तर प्रदेश बनाम झारखंड के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. दोनों टीमों ने जबरदस्त संघर्ष किया. लेकिन अंतिम क्वार्टर में किये गये गोल की मदद से उत्तर प्रदेश ने 3-2 से जीत दर्ज की. दूसरे स्लॉट के मैच इंटरनेशनल हाॅकी स्टेडियम में बालिका में पंजाब बनाम हरियाणा का मुकाबला बेहद प्रतिस्पर्धात्मक रहा. इस प्रतिस्पर्धा में हरियाणा की बालाओं ने 4-2 से जीत हासिल की. इसी प्रकार प्रैक्टिस टर्फ पर बालक वर्ग में मणिपुर और हरियाणा के बीच रोमांचक मैच हुआ. दोनों टीम 4-4 की बराबरी पर खत्म हुआ. हरियाणा के लड़कों ने पूल बी में टॉप कर अगले दौर में जगह बनाया है. अब उनकी नजर स्वर्ण पदक पर टिकी है. इसी हाॅकी टर्फ पर शाम में बालक वर्ग में ओडिशा बनाम कर्नाटक के बीच प्रतिस्पर्धा हुआ. ओडिशा की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया़ इस प्रतिस्पर्धा में ओडिशा ने कर्नाटक को 8-1 से हराकर रिकॉर्ड बनाया है. इंटरनेशनल हाॅकी स्टेडियम में बालिका में झारखंड का मुकाबला बिहार से हुआ. इस प्रतिस्पर्धा में बिहार के खिलाड़ी औंधे मुंह गिरी. इस एकतरफा मुकाबले में झारखंड की टीम ने मेजबानी टीम बिहार को 5-0 से पराजित किया. उनकी रणनीतिक श्रेष्ठता और सटीक निष्पादन ने दर्शकों खास कर अवाक कर दिया है. हाॅकी का सातवां प्रतिस्पर्धा बालिका वर्ग में ओडिशा और महाराष्ट्र के बीच हुआ. ओडिशा की टीम ने महाराष्ट्र को 2-0 से हराया। यह मैच अपेक्षाकृत धीमी गति से चला, लेकिन ओडिशा की मिडफ़ील्ड पर पकड़ ने उन्हें जीत दिलाई है. आठवां मैच बालक वर्ग में पंजाब और बिहार के बीच हुई है. रविवार को अंतिम मैच में पंजाब की टीम ने बिहार की टीम को 5-0 से हराया़ बिहार की रक्षा पंक्ति पंजाब की तेज़ गति और रणनीति का सामना नहीं कर सकी. इसके साथ ही लीग प्रतिस्पर्धा समाप्त हो गया है. सोमवार को बालक और बालिका वर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला होगा. हरियाणा, ओडिशा, पंजाब झारखंड और मध्य प्रदेश की टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया है. अब उनका लक्ष्य फ़ाइनल में जगह बनाना और पदक जीतना है. राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में टूर्नामेंट जैसे-जैसे ढ़लान की ओर बढ़ रहा है. रोमांच और प्रतिस्पर्धा भी लगातार बढ़ रही है. भारोत्तोलन प्रतिस्पर्धा ऑटोरिक्शा चालक की बेटी, अस्मिता धोणे ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में रिकॉर्ड बनाकर जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग मेडल पर नजरें गड़ा दीं. वेटलिफ्टर अस्मिता धोणे की कहानी खेलो इंडिया एथलीट्स में बढ़ती महत्वाकांक्षा को दर्शाती है. महाराष्ट्र की अस्मिता दत्तात्रय धोणे ने यहां राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 49 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतते हुए दो यूथ नेशनल वेटलिफ्टिंग रिकॉर्ड तोड़े। धोणे ने क्लीन एंड जर्क और ओवरऑल टोटल दोनों में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा, जो उन्होंने पांच महीने पहले दोहा, कतर में हुए कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में बनाया था. 2022 में उन्होंने इंदौर, मध्यप्रदेश में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रजत पदक जीता था. अस्मिता ने पहले 94 किग्रा के रिकॉर्ड को पार करते हुए 95 किग्रा का क्लीन एंड जर्क में नया यूथ नेशनल रिकॉर्ड बनाया और फिर बारबेल पर दो किलोग्राम और बढ़ाकर कुल 170 किग्रा तक पहुंच गईं, जो कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के प्रदर्शन से 8 किग्रा ज्यादा था. उत्तर प्रदेश की मानसी चामुंडा (75 88) ने स्नैच में यूथ नेशनल रिकॉर्ड के साथ रजत पदक जीता, जो 2022 में असम की पंचमी सोनवाल द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड से बेहतर था. साधारण परिवार से आने वाली अस्मिता, जिनका इस महीने 18वां जन्मदिन है, महाराष्ट्र के सतारा जिले के कराड की रहने वाली हैं. उनके पिता दत्तात्रय धोणे ऑटोरिक्शा चलाते हैं और मां निर्मला डेयरी किसान हैं. अस्मिता ने अपने गृहनगर में सम्राट पवार के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग शुरू की थी, जो आज भी जारी है. “मैंने सातवीं कक्षा में वेटलिफ्टिंग शुरू की थी, लगभग 14 साल की उम्र में। मेरी बड़ी बहन भी वेटलिफ्टिंग करती थी, तो उनके कोच सम्राट सर ने मुझे भी साथ में शुरू करने को कहा. मैं अपनी परफॉर्मेंस से बहुत खुश हूं क्योंकि मैंने नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा, ” अस्मिता ने SAI मीडिया से कहा. अस्मिता के पास कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक हैं, जिससे उन्हें खेलो इंडिया योजना और 2023 से पटियाला के SAI के नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में जगह मिली. पिछले साल अस्मिता ने सुवा, फिजी में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में 158 किग्रा (70 88 किग्रा) के कुल वजन के साथ स्वर्ण पदक जीता था. 2023 में नोएडा में कॉमनवेल्थ यूथ चैंपियनशिप में 136 किग्रा (60 76 किग्रा) के कुल वजन के साथ भी गोल्ड जीता. पिछले साल की एशियन यूथ चैंपियनशिप और 2023 वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में एक-एक कांस्य पदक भी उनके नाम है. अस्मिता ने 2022 से 2024 तक IWLF यूथ नेशनल्स में लगातार तीन बार गोल्ड जीता. “मुझे खेलो इंडिया से स्कॉलरशिप मिलती है और मैं पिछले दो साल से NIS पटियाला में ट्रेनिंग ले रही हूं, जो नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCOE) है। खेलो इंडिया हमारे लिए बड़ा प्लेटफॉर्म है. यह मुझे प्रेरणा, ऊर्जा और आत्मविश्वास देता है. 10,000 रुपये की स्टाइपेंड मेरे जैसे किसी के लिए बहुत मददगार है क्योंकि मेरे पिता ऑटोरिक्शा चलाते हैं. हमारे पास घर पर एक छोटा खेत और दो गायें हैं, जिनकी देखभाल मेरी मां करती हैं. SAI से मुझे स्पोर्ट्स किट, यात्रा और रहने का खर्च भी मिलता है, ” उन्होंने कहा. कोच पवार ने कहा, “सबसे पहले, मैं कहना चाहूंगा कि उसे अपने माता-पिता से मजबूत जीन मिले हैं. साथ ही, वह बहुत अनुशासित है. यही उसकी लगन का सबूत है. वेटलिफ्टिंग एक तकनीकी खेल है, जिसमें ताकत और तकनीक दोनों चाहिए. क्लीन एंड जर्क में उसकी तकनीक शानदार है. अगर वह स्नैच में सुधार करती है, तो अस्मिता को कोई नहीं रोक सकता. ” अगले साल चीन के निंगबो में होने वाली वर्ल्ड जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने के लक्ष्य के साथ अस्मिता अगस्त में अहमदाबाद में होने वाली कॉमनवेल्थ यूथ और जूनियर चैंपियनशिप के बाद चयन ट्रायल्स में हिस्सा लेंगी. लखनऊ एनसीओई एथलीट आईसेन्गफा गोगोई ने 55 किग्रा वर्ग में राष्ट्रीय यूथ रिकॉर्ड तोड़ केआईवाईजी 2025 स्वर्ण पदक जीत असम की आईसेन्गफा गोगोई ने रविवार को राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में 55 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 183 किलोग्राम वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. 17 वर्षीय आईसेन्गफा 2023 से भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCOE), लखनऊ में कोच राहुल शर्मा के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल की कोयल बार द्वारा 2024 एशियन चैंपियनशिप (दोहा, कतर) में बनाए गए 182 किग्रा के यूथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड को अपने नाम किया. पिछले साल चेन्नई में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में आईसेन्गफा पदक जीतने से चूक गई थीं, लेकिन इस बार उन्होंने शानदार वापसी की. उन्होंने स्नैच में 75 किग्रा से शुरुआत की और फिर क्रमशः 79 और 81 भार उठाया. इसके साथ उन्होंने ओडिशा की मीना संता द्वारा सुवा (फिजी) में आयोजित वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में बनाए गए स्नैच के 81 किग्रा रिकॉर्ड की बराबरी की. मीना संता ने कुल 177 किग्रा (80 97) वजन उठाकर रजत पदक जीता, जबकि आंध्र प्रदेश की हेमा श्री करंगी ने कुल 164 किग्रा (72 92) वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया। 2023 से खेलो इंडिया एथलीट रही आईसेन्गफा ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश के नगरोटा बगवां में आयोजित आईडब्ल्यूआईएफ राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. इसके अलावा उन्होंने भुवनेश्वर में अस्मिता वेटलिफ्टिंग ज़ोनल लीग में 167 किग्रा (73 94) के साथ रजत पदक भी जीता था. आईसेन्गफा ने कहा, “यह मेरा खेलो इंडिया में पहला स्वर्ण पदक है, और इसके लिए मैं अपने कोच, माता-पिता और खास तौर पर साई एनसीओई लखनऊ को धन्यवाद देती हूं. मैं पिछले दो वर्षों से यहां प्रशिक्षण ले रही हूं. मैं एक खेलो इंडिया एथलीट हूं और मुझे प्रतिमाह ₹10,000 की स्कॉलरशिप मिलती है. ऐसी पहल हमारे जैसे खिलाड़ियों के लिए बहुत मददगार है, जिससे हम अपनी प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय स्तर से तुलना कर सकते हैं. मेरा सपना भारत के लिए ओलंपिक में भाग लेना है.” आईसेन्गफा ने यह भी बताया कि उनके पिता दीपज्योति गोगोई कभी राज्य स्तर पर नहीं खेले लेकिन घर पर पावरलिफ्टिंग किया करते थे, जिससे उन्हें प्रेरणा मिली। वे असम के सिबसागर जिले के करुलाकालिया गांव में एक छोटा टेंट हाउस व्यवसाय चलाते हैं और माँ नबनीता गृहिणी हैं. आईसेन्गफा ने कहा,“पिता जी की ताकत और उनकी ट्रेनिंग ने मुझे इस खेल की ओर आकर्षित किया. मैंने 13 साल की उम्र से वेटलिफ्टिंग शुरू की थी। मैंने सोचा भी नहीं था कि चोट के बाद वापसी कर पाऊंगी और स्वर्ण पदक जीतूंगी. अब मेरा लक्ष्य इस साल अगस्त में अहमदाबाद में होने वाली कॉमनवेल्थ यूथ चैंपियनशिप के ट्रायल्स में क्वालिफाई करना है.” इससे पहले लड़कों की 61 किग्रा स्पर्धा में पंजाब के सुनील सिंह ने कुल 238 किग्रा (108 130) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता, जो पश्चिम बंगाल के अनिक मोदी (97 135) से छह किग्रा अधिक था. तमिलनाडु के जयनवराज जे. ने कुल 231 किग्रा (104 127) के साथ कांस्य पदक जीता. लड़कों के 67 किग्रा वर्ग में महाराष्ट्र के यश खंडगले ने कुल 267 किग्रा (122 145) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। असम के अभिनव गोगोई (116 135) ने रजत और हरियाणा के समीर खान, जो एनसीओई लखनऊ से हैं, ने कुल 241 किग्रा (109 132) के साथ कांस्य पदक जीता.
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