हिलसा. हिलसा अनुमंडल मुख्यालय के मुख्य बाजार में प्रतिदिन जाम लगना आम बात हो गई है. मुख्य बाजार में वाहनों की लंबी भीषण जाम लग जाने से यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है. आने जाने वाले वाहनों के साथ पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. हिलसा के पश्चिम में बाईपास का निर्माण के बावजूद बाजार में सड़क जाम की समस्या गंभीर बनी है. पूर्वी बाईपास के निर्माण के बिना समस्या का समाधान नहीं है. पूर्वी बाईपास का निर्माण का कार्य तेजी के साथ शुरू कर दिया गया है. पूर्वी बाईपास का निर्माण होने से ही जाम की समस्या से निजात मिलेगी. शहर में प्रतिदिन वाहन की लंबी कतार जाम के कारण लग जाती है. सिनेमा मोड, बरूणतल मे अवैध रूप से यात्री वाहनों, विशेषकर तीनपहिया वाहनों की पार्किंग की जा रही है. इसके अलावा सड़क किनारे फुटपाथ पर दुकानों के कारण भी जाम की समस्या विकराल हो गई है. शहर के रामबाबू हाई स्कूल के पास मुख्य सड़क पर सब्जी मंडी लगती है जहां पर भी सुबह में यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है. 26 अप्रैल 2022 को नई ट्रैफिक व्यवस्था लागू की गई है. लेकिन अब तक प्रभावी नहीं हो सकी है. फुटपाथी दुकानदार हो या यत्र तत्र वाहनों का लगा होना, इसने यात्रियों के साथ ही शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ जाती है. पुराने बस स्टैंड की बात किया जाए तो गलत ढंग से सड़क पर गाड़ियां खड़ी होती है. यात्रियों के लिए किसी तरह के सुविधा उपलब्ध नहीं है. शौचालय भी नहीं है. न पेयजल की व्यवस्था और न ही यात्रियों के बैठने के लिए यात्री शेड तक नहीं है. दूसरी ओर अनुमंडल मुख्यालय स्थित मई गांव मे मार्च 2024 मे शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए 2.11 करोड़ से बने बस पड़ाव का उद्घाटन किया गया था. लेकिन फिर भी शहर में संचालित सभी बस पड़ाव में बस या टेम्पू नही लगाया रहा है. अनुमंडल प्रशासन लाख दावा करे कि शहर में जाम की समस्या से निजात पाने हेतु बस पडाव एवं बिहार रोड स्थित अभय नाथ धाम सह मानव सेवा आश्रम के पुल के पास बस लगाना है लेकिन नियम का पालन बस संचालक नही करते हैं नहीं प्रशासन करा पाते हैं। टेंपो खाकी बाबा चौक के पास एवं योगीपुर रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग से पश्चिम लगाना है।अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है तब बस संचालक वहां से प्रशासन को देखकर हटा लेते हैं और उनके जाने के बाद पुन लगना शुरू कर देते हैं। आज भी मनमानी तरीके से बस और छोटी गाड़ियां का विभिन्न चौक चौराहे बने हुए हैं। इसके कारण यात्रियों का एक जगह से दूसरे जगह जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही बस पुराना बस स्टैंड पटेल नगर एवं सिनेमा मोड़ के पास खड़ा कर स्टैंड के रूप मे प्रयोग किए जाने से वहां पर सड़क जाम की समस्या से लोग दो-चार होना पड़ता है। हिलसा नगर परिषद एवं अनुमंडल प्रशासन के काफी प्रयास के बाद बस पड़ाव में बस या टेम्पू का ठहराव नहीं हो रहा है। अधिकारियों की उदासीनता का वाहन मालिक फायदा उठा रहे हैं. जगह जगह-जगह पर चौक चौराहे पर बस व टेम्पू को खड़ा किया जा रहा है. वर्तमान में यह बस पड़ाव पर अवैध रूप से गाड़ियां लगी रहती है. हालांकि कई बार बस संचालक एवं टेंपो संचालक के साथ वार्ता भी की गई है. मई बस स्टैंड के उद्घाटन तामझाम के साथ किया गया था, उसे समय प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा था कि पुराने बस स्टैंड को जल ने बस स्टैंड में शिफ्ट कर दिया जाएगा. इसके लिए एसडीओ ने बस मालिकों का संचालकों के साथ बैठक भी की गयी थी. पूर्वी बाईपास निर्माण का कार्य शुरू होने पर लोगों में खुशी : हिलसा शहर की बहुप्रतीक्षित पूर्वी बाईपास के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने निविदा जारी कर दी है. तकनीकी मूल्यांकन के बाद दो कंपनियों को कार्य के लिए उपयुक्त पाया गया है. इनमें ओडिशा की मेसर्स फॉर्च्यून ग्रुप और बेगूसराय की हरि कंस्ट्रक्शन एंड एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. परियोजना के तहत कुल 7.07 किलोमीटर लंबे बाईपास और दो आरओबी का निर्माण किया जाएगा. इसमें 15 छोटे-बड़े पुल-पुलियों के निर्माण भी प्रस्तावित हैं. मौजूदा निर्माण कार्य 206.03 करोड़ में पूरा किया जाएगा. हिलसा पूर्वी बाईपास में छह मौजों की 47.385 एकड़ जमीन अधिगृहित की गयी है. दनियावां-गया एसएच-4 के कामता हाल्ट के दक्षिण से प्रारंभ होकर ढिबरापर रेलवे क्रासिंग के निकट मिलने वाला हिलसा पूर्वी बाईपास हिलसा-नूरसराय पथ को लालसे बिगहा मोड़ के निकट क्रॉस करेगा. इसके लिए कामता, मोमिन्दपुर, मियां बिगहा, हिलसा, इंदौत एवं मई मौजों की जमीन अधिग्रहित की गयी है. जाम से मिल सकेगा छुटकारा : इसमें किसानों को लगभग 1.47 अरब का मुआवजा मिला है. हिलसा मौजा के किसानों को 4.20 लाख प्रति डिसमिल, जबकि अन्य मौजों के किसानों को 2.10 से 2.45 लाख प्रति डिसमिल मुआवजा मिला है. यह परियोजना हिलसा शहर के यातायात दबाव को कम करने, बाजार क्षेत्र के जाम से निजात दिलाने और पूर्वी क्षेत्र के विकास को गति देने के उद्देश्य से बनाई गई है. स्थानीय लोगों और व्यवसायियों का मानना है कि इस बाईपास से न केवल आवागमन आसान होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा. 18 साल बाद हुआ टेंडर: यह परियोजना वर्ष 2007 में प्रस्तावित हुई थी और 2012 में स्वीकृति मिली थी. इसके बाद 2019 में इसका शिलान्यास हुआ, लेकिन कई वर्षों तक कार्य अटका रहा. अब पास का निर्माण का कार्य तेजी के साथ शुरू होने से हिलसा वासियो में खुशी का माहौल देखने को मिला. हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी शरण ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार में लगातार विकास कार्य किया जा रहा है.
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