शेखपुरा. कृषि विज्ञान केंद्र, अरियरी द्वारा राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन अंतर्गत किसानों एवं कृषि सखी का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ. 10 से 15 दिसंबर तक आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से यह बताया कि प्राकृतिक खेती क्यों जरूरी है? कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान इंजीनियर प्रमोद कुमार चौधरी ने बताया कि इस अवसर पर खेती में रसायन के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव एवं विदेशों से आयातित उर्वरक पर होने वाले भरी भरकम खर्च एवं दूसरे देशों में जा रहे देश के धन को देश को रोकने देश में विकसित कृषि तकनीकों को अपनाने का आवाहन किया गया. इस अवसर पर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ अलकाज्योति शर्मा ने प्राकृतिक के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्राकृतिक खेती एक राष्ट्रीय मिशन है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटक जैसे जीवाअमृत, बिजामृत, घन जीवामृत, निर्मास्त्र आदि बनाने की विधियों के बारे सिखाने का कार्य किया गया. उद्यान वैज्ञानिक नवीन कुमार सिंह ने बताया कि किसान प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद दूसरे किसानों के प्राकृतिक खेती के गाइड के रूप में कार्य करेंगे जिससे जिले के किसान प्रकृति के तरीकों को सीख कर अपनाने का कार्य करेंगे. इस अवसर पर उषा देवी, सीमा देवी, पप्पू कुमार, नीरज कुमार, अशर्फी देवी, रंजन कुमार, रेणु देवी, रेखा देवी सहित से जिले भर के तीस अग्रणी किसानों ने भाग लिया.
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