हिलसा. श्रीचंद उदासीन महाविद्यालय, हिलसा में वंदे मातरम् गीत की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाए जा रहे “वंदे मातरम् सप्ताह” के तीसरे दिन का आयोजन सोमवार को बीसीए विभाग की ओर से किया गया. इस अवसर पर “वंदे मातरम् : राष्ट्र गौरव के 150 वर्ष” विषय पर वाद-प्रतिवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई. कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सिंह के करकमलों से दीप प्रज्वलन और राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के सामूहिक गायन से हुई. प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा है, जिसने देश के असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरणा और एकता का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत भारत की सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है. वाद-प्रतिवाद प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. प्रतिभागियों ने वंदे मातरम् गीत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व पर अपने विचार रखे. निर्णायक मंडल ने विद्यार्थियों की वक्तृत्व कला और तर्कशक्ति की सराहना की. परिणाम घोषित करते हुए बताया गया कि प्रथम स्थान अरशला फातिमा (बीसीए द्वितीय वर्ष), द्वितीय स्थान शिवम राज, और तृतीय स्थान खुशी एवं संध्या ने प्राप्त किया. इन विजेताओं को 14 नवम्बर को होने वाले समापन समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा. कार्यक्रम के सफल संचालन में बीसीए विभाग के समन्वयक डॉ. पी. सी. चौरसिया, एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. पिंकी कुमारी, रसायन विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. संदीपा इंद्रा और अतिथि शिक्षक राजमणि कुमार का विशेष योगदान रहा. मौके पर डॉ. घनश्याम कुमार, डॉ. कुमारी लुसी, सियापति, गुड्डू समेत कई शिक्षक और छात्र उपस्थित थे.
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