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Bihar News: बिहारशरीफ. बिहार के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों की हाजिरी भी ऑनलाइन बनेगी. बच्चों के चेहरे की तस्वीर टैब में अपलोड की जायेगी. इसके लिए बुधवार को सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की गयी हैं. बिहारशरीफ जिले के सभी स्तर के लगभग 2446 सरकारी विद्यालयों को लगभग 5065 टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं. उक्त्त आशय की जानकारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मो शाहनवाज ने दी. उन्होंने बताया कि गुरुवार से सभी सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों तथा एक-एक नोडल शिक्षकों को टैबलेट से बच्चों की उपस्थिति बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए विभाग के द्वारा इंट्रोलैब सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की सेवा ली जा रही है. कंपनी के द्वारा 04 तथा 05 दिसंबर को दो दिनों में ही जिले के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक तथा एक-एक नोडल शिक्षक को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिले में लगभग 2446 प्राथमिक, मध्य , माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां लगभग चार लाख से अधिक छात्र छात्राएं नामांकित हैं.
4 दिसंबर से शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण
बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति के लिए कंपनी के द्वारा दो दिनों का ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा. 04 दिसंबर को जिले के 13 प्रखंडों के शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था की गई है. इन प्रखंडों में अस्थावां, बेन, बिहार शरीफ, बिन्द,चंडी, एकंगरसराय, गिरियक, हरनौत, हिलसा, इस्लामपुर, करायरशुराय, कतरी सराय तथा नगर नौसा के शिक्षक शामिल होंगे. इसी प्रकार 5 दिसंबर को होने वाले ऑनलाइन प्रशिक्षण में नूरसराय, परवलपुर, रहुई, राजगीर, सरमेरा, सिलाव तथा थरथरी प्रखंड के प्रधानाध्यापक तथा शिक्षक भाग लेंगे. शिक्षकों का यह प्रशिक्षण चार टाइम स्लॉट में आयोजित किया जाएगा.
टैबलेट अथवा मोबाइल से प्रशिक्षण में जुड़ेंगे शिक्षक
कंपनी के द्वारा जिले के एमआईसी प्रभारी अथवा जिला गुणवत्ता शिक्षा प्रभारी को लिंक उपलब्ध कराया जाएगा. यह लिंक जिले के सभी प्रधानाध्यापकों को उपलब्ध करायी जाएगी .सभी प्रधानाध्यापक टैबलेट अथवा अपने मोबाइल के माध्यम से प्रशिक्षण से जुड़ेंगे. प्रशिक्षण प्राप्त कर विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा नोडल शिक्षक प्रतिदिन टैबलेट के माध्यम से उपस्थित छात्र-छात्राओं की हर रोज उपस्थिति दर्ज कराएंगे. इससे किसी भी छात्र-छात्रा का गलत उपस्थित दर्ज नहीं कराई जा सकेगी. बल्कि बिना उपस्थित रहे उनकी उपस्थिति दर्ज ही नहीं होगी. इससे विद्यालयों में नियमित नहीं आने वाले छात्र-छात्राओं को भी अब हर रोज विद्यालय आना आवश्यक हो गया है.बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में विभाग की इस पहल से मदद मिलेगी.
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