बिहारशरीफ. जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के नालंदा कॉलेज परिसर में शुक्रवार को विधानसभा मतदान के तहत मतगणना का कार्य संपन्न कराया गया. मतगणना से प्राप्त परिणाम से ऐसा स्पष्ट होता है कि इस बार जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने वायदे के बजाय फायदे को महत्व दिया. मतदान के प्रति उदासीन रहने वाले मतदाताओं ने भी इस बार कतार में घंटों खड़े होकर खुशी से मतदान किया. इस बार विधानसभा निर्वाचन में मतदान प्रतिशत का बढ़ना इसका पुख्ता प्रमाण है. हालांकि शुरू से ही यह धारणा बनी हुई है कि मतदान प्रतिशत में वृद्धि होना सत्ता पक्ष के खिलाफ मतदान होना माना जाता रहा है. हालांकि इस बार विधानसभा निर्वाचन में जिले में यह मिथक भी टूट गया. इसी प्रकार जातीय गोलबंदी को आधार मानकर जीत हार का विश्लेषण करने वाले लोगों को भी इस बार मतदान में उनकी भविष्यवाणी गलत साबित हुई. जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं ने जमकर मतदान किया जो की सत्ता पक्ष के हित में साबित हुआ. जिले के अस्थावां विधानसभा क्षेत्र में जन सुराज के प्रत्याशी लता सिंह के मैदान में उतरने से वहां त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बताई जा रही थी. लता सिंह जदयू के पूर्व वरिष्ठ नेता आरपीसी की पुत्री होने के कारण जातीय वोटो में सेंधमारी का अनुमान लगाया जा रहा था. इसी प्रकार बिहार शरीफ विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन के प्रत्याशी उमैर खान के पक्ष में मुस्लिम मतदाताओं के गोलबंद होने से एनडीए प्रत्याशी डॉ सुनील को नुकसान होने की उम्मीद भी जताई जा रही थी. इसी प्रकार इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र में राजद के प्रत्याशी राकेश कुमार रोशन के खिलाफ जदयू के प्रत्याशी रुहेल रंजन के उतारे जाने से भी लोगों में असमंजस बना हुआ था. रुहेल रंजन पूर्व विधायक स्व राजीव रंजन के सुपुत्र है तथा पहली बार सीधे विधानसभा प्रत्याशी के रूप में आए थे. यहां भी जनसुराज के प्रत्याशी व जिला पार्षद तनुजा कुमारी के मैदान में आने से त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बताई जा रही थी. हिलसा विधानसभा क्षेत्र में राजद के प्रत्याशी अत्रि मुनी उर्फ शक्ति सिंह यादव के खिलाफ जदयू के प्रत्याशी कृष्ण मुरारी में कांटे की टक्कर हुई. इसी प्रकार राजगीर विधानसभा क्षेत्र में जदयू प्रत्याशी कौशल किशोर ने आसान जीत दर्ज की. इस बार के विधानसभा निर्वाचन में पूर्व से कायम सभी मिथक टूट गए . हरनौत विधानसभा क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी हरि नारायण सिंह सर्वाधिक मतों से जीते. इसी प्रकार अस्थावां विधानसभा क्षेत्र से जितेंद्र कुमार भी बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. इधर नालंदा विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान ग्रामीण विकास मंत्री भी अपने कट्टर प्रतिद्वंदी कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया को पराजित करने में सफल रहे हैं. इस प्रकार जिले के सभी सातों सेट एनडीए के खाते में चली गई. अब लोग मान रहे हैं कि जिले के मतदाताओं ने महागठबंधन के वायदे को तरजीह न देकर एनडीए के द्वारा चुनाव के पूर्व कई योजनाओं के माध्यम से पहुंचाए गए फायदे को महत्व दिया.
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