बिहारशरीफ. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जिले में पिछले आठ वर्षों में 25 लाख से अधिक पौधे लगाये गये हैं, लेकिन इनमें से कितने पौधे जीवित हैं और कितने सूख गये, इसकी सटीक जानकारी विभाग के पास नहीं है. इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगे जाने के बावजूद अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है. वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2024-25 तक जिले में 28,06,300 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 25,01,236 पौधे लगाये गये. यह आंकड़ा लक्ष्य का 89.12 प्रतिशत है. हालांकि, कुछ वर्षों में लक्ष्य से अधिक पौधारोपण हुआ, तो कुछ वर्षों में लक्ष्य से काफी कम. जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत प्रत्येक 200 पौधों पर एक वनपोषक रखने का प्रावधान है, जिसे पौधों की देखभाल का जिम्मा दिया जाता है. नियमानुसार, हर 15 दिन में पौधों की गणना कर रिपोर्ट जिला स्तर पर भेजनी होती है. वनपोषकों को पौधों के जीवित रहने के आधार पर भुगतान किया जाता है. यदि 80 प्रतिशत से अधिक पौधे जीवित रहते हैं, तो वनपोषक को अगले पांच साल तक भुगतान मिलता है. इस मामले में सवाल उठ रहा है कि अगर पौधों की गिनती और उनकी सुरक्षा का रिकॉर्ड ही नहीं है, तो वनपोषकों को भुगतान किस आधार पर किया जा रहा है? साथ ही, कई बार पौधारोपण के नाम पर धन खर्च किया जाता है, लेकिन पौधों का रखरखाव नहीं हो पाता, जिससे वे सूख जाते हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए जा रहे इस अभियान की सफलता तभी संभव है जब लगाए गए पौधों का संरक्षण किया जाये, लेकिन निगरानी के अभाव में यह योजना अपने उद्देश्य से भटकती नजर आ रही है. पौधारोपन के कार्यपालक अभियंता इंद्रदेव प्रसाद का कहना है कि जल्द ही सभी प्रखंडों से रिपोर्ट मंगाकर जीवित पौधों का सही आंकड़ा जारी किया जायेगा. मनरेगा के तहत 200 पौधों के वार्षिक रखरखाव पर लगभग 24,000 से 40,000 रुपये तक खर्च आता है, जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर निर्भर करता है. हालांकि यदि पौधों की सही गिनती नहीं होती है, तो धन का सही उपयोग सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाता है. विभागीय सूत्र के अनुसार बीते कुछ वर्षों में हुए पौधारोपण में जीवित पौधों का आंकड़ा नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों की रिपोर्ट है. वित्तीय वर्ष लक्ष्य (पौधे) उपलब्धि (पौधे) 2016-17 2,89,400 52,666 2017-18 59,900 30,866 2018-19 74,800 36,940 2019-20 34,200 50,602 2020-21 3,07,809 1,95,062 2021-22 6,08,000 5,95,000 2022-23 4,62,000 4,65,100 2023-24 46,200 4,71,600 2024-25 5,08,200 6,03,400 कुल 28,06,300 25,01,236 क्या कहते हैं अधिकारी बीते आठ वर्षों में लगाये गये 25 लाख पौधों में से कितने जीवित हैं. इस संबंध में प्रखंडों से रिपोर्ट मांगी जा रही है, लेकिन अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिली है. मिलते ही उपलब्ध करा दिया जायेगा. इंद्रदेव प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, मनरेगा पौधारोपण में हरनौत अव्वल और बिहारशरीफ प्रखंड फिसड्डी जिले के विभिन्न प्रखंडों में पौधारोपण के आंकड़े सामने आये हैं. वर्ष 2016-17 से वर्ष 2024 तक हरनौत प्रखंड में एक लाख 95 हजार पौधा लगाने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसके विरुद्ध दो लाख 43 हजार पौधारोपण कराया गया, जो लक्ष्य के 124.61 प्रतिशत पौधा है. वहीं बिहारशरीफ में कुल दो लाख 74 सौ पौधा लगाने का लक्ष्य दिया गया, जिसके विरुद्ध में एक लाख 48 हजार 300 सौ पौधे लगाये गये, जो लक्ष्य के 71.50 प्रतिशत है. नूरसराय में 101.28 प्रतिशत और परवलपुर प्रखंड में 114.16 प्रतिशत पौधारोपण हुआ है, जो लक्ष्य से अधिक है. इसमें हरनौत प्रखंड ने लक्ष्य से अधिक पौधे लगाकर शानदार प्रदर्शन किया है, जबकि बिहारशरीफ प्रखंड अपने लक्ष्य से पीछे रहा है. हरनौत की सफलता के पीछे प्रशासनिक टीम और स्थानीय लोगों के बीच बेहतर समन्वय को इसका श्रेय दिया जा रहा है. बिहारशरीफ की विफलता का कारण अधिकारियों का कहना है कि भूमि की उपलब्धता और जनभागीदारी की कमी मुख्य वजह है. जिला प्रशासन ने बिहारशरीफ प्रखंड में पौधारोपण बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है. स्थानीय ग्रामीणों और स्वयंसेवी संगठनों को अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा.
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