आनंद तिवारी/ Bihar Train: पटना जंक्शन से डीडीयू होते हुए बाराबंकी, लखनऊ के रास्ते अयोध्या तक जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. जल्द ही पटना से डीडीयू रेलमार्ग पर तीसरी व चौथी रेललाइन बिछाने का काम शुरू होगा. ऐसे में अब इस मार्ग पर बिजली लोड की संभावित वृद्धि के मद्देनजर इस रेललाइन पर लगी ओवरहेड विद्युत (ओएचइ) लाइन की क्षमता बढ़ाने की तैयारी में भी रेलवे जुट गया है. सूत्रों की मानें, तो इस रूट पर एक और ग्रिड लाइन बढ़ायी जायेगी. एक और केबल वायर लगाने के साथ ही पावर हाउस में जरूरी बदलाव किये जायेंगे, ताकि अन्य तीसरी व चौथी लाइन को कोई दिक्कत न हो. इस ग्रिड से पटना से डीडीयू और पाटलिपुत्र जंक्शन से छपरा होते हुए गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी जाने वाले बिहार के यात्रियों को काफी राहत मिलेगी. यह काम पूरा होने से इन दोनों रूट पर अब 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी, जबकि वर्तमान में 110 प्रति घंटा तक चलायी जा रही हैं.
25 हजार वोल्ट की विद्युत लाइन खींचने के साथ पावर सब स्टेशनों की क्षमता दोगुनी
जानकारों के अनुसार इन दोनों रूटों पर करीब 25 हजार वोल्ट की विद्युत लाइन खींचने के साथ ही पावर सब स्टेशनों की क्षमता भी दोगुनी की जायेगी. यह काम पूर्व मध्य रेलवे और एनइआर में किया जाना है. इस काम में करीब डेढ़ से दो साल का समय लगेगा. दानापुर मंडल से होकर लखनऊ रूट पर 160 से अधिक ट्रेनें चल रही हैं. इस रूट पर थर्ड च चौथी लाइन बिछाने की कवायद भी जल्द शुरू होने जा रही है. इसके अलावा पटना से बाराबंकी, लखनऊ के बीच ऑटो ब्लॉक सिग्नल सिस्टम लगाने का भी काम चल रहा है. कुछ सेक्शन में काम पूरा भी हो गया है.
अमृत भारत के शुरू होने पर बिजली की बढ़ जायेगी खपत
ऑटो ब्लॉक सिग्नल सिस्टम लगने के बाद बिजली की खपत भी करीब तीन गुनी बढ़ जायेगी. इसके अलावा आने वाले समय में सभी रूटों पर अमृत भारत श्रेणी की ट्रेनें ही अधिक चलायी जायेंगी. अमृत भारत में एक साथ दो-दो इंजन काम करते हैं. एक इंजन ट्रेन को आगे खींचता है तो पीछे से दूसरा धक्का लगाने का काम करता है. इससे ट्रेनों की औसत गति में सुधार होता है, लेकिन डबल इंजन होने पर इसमें पावर की खपत भी अधिक होती है.
लखनऊ पहुंचने में एक घंटे तक होगी बचत
अभी लखनऊ रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ा कर करीब 130 प्रति घंटे से भी अधिक करने के लिए सभी आवश्यक कार्य लगभग पूरा होने के कगार पर हैं. स्पीड 130 हो जाने से लखनऊ पहुंचने में कम-से-कम करीब 45 मिनट से एक घंटे तक का समय बचेगा. वहीं, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के साथ ही पावर भी बढ़ाना जरूरी है. ऐसे में रेलवे अब इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन क्षमता को और बढ़ाने जा रहा है. अब रेलवे 1 गुणा 25 किलो वोल्ट से बढ़ा कर दो गुणा 25 किलो वोल्ट करने की तैयारी में जुटा है. इससे ज्यादा गति की ट्रेनें चलाना संभव हो जायेगा. वहीं, पूमरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने कहा कि तीसरी व चौथी रेललाइन को देखते हुए बिजली की खपत और बढ़ जायेगी.