Bihar News : बिहार की सड़कों पर दौड़ने वाले सार्वजनिक वाहनों (बस, ऑटो, टैक्सी) के लिए परिवहन विभाग ने अब तक का सबसे सख्त फरमान जारी कर दिया है. अगर आप भी सार्वजनिक वाहनों से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत भरी है, लेकिन वाहन मालिकों के लिए यह बड़ी चेतावनी है.
परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने साफ कर दिया है कि 31 दिसंबर के बाद बिना पैनिक बटन और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) वाली गाड़ियां सड़क पर नहीं दिखनी चाहिए. नए साल यानी 1 जनवरी से ऐसी गाड़ियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर धरपकड़ शुरू होगी और उनका फिटनेस सर्टिफिकेट भी रद्द कर दिया जाएगा.
31 दिसंबर तक रिचार्ज नहीं तो सीधे कार्रवाई
मंगलवार को विश्वेश्वरैया भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री ने अधिकारियों और संबंधित एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बिना रिचार्ज वाले वीएलटीडी उपकरण तत्काल सक्रिय किए जाएं. बैठक में बताया गया कि राज्य में कुल 1,24,962 सार्वजनिक सेवायानों में से केवल 46 प्रतिशत में ही वीएलटीडी लगा है. इनमें से भी कई वाहन ऐसे हैं, जिनके उपकरण लंबे समय से रिचार्ज नहीं हुए हैं और वे केवल कागजों में सक्रिय हैं.
वीएलटीडी के बिना नहीं मिलेगा फिटनेस प्रमाणपत्र
परिवहन मंत्री ने सभी जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन सार्वजनिक वाहनों में वीएलटीडी नहीं लगा है, उन्हें फिटनेस प्रमाणपत्र जारी न किया जाए. इस संबंध में सभी जिलों को लिखित निर्देश भेजे जाएंगे. विभाग का मानना है कि फिटनेस प्रक्रिया को सख्त करने से वाहन मालिकों पर नियम पालन का दबाव बढ़ेगा.
ओवरस्पीडिंग पर 27 लाख का चालान
बैठक में यह भी सामने आया कि पिछले पांच महीनों में वीएलटीडी उपकरण के जरिए ओवरस्पीडिंग के मामलों में 27 लाख रुपये से अधिक का चालान काटा गया है. इसके बावजूद वीएलटीडी और पैनिक बटन लगाने की रफ्तार बेहद धीमी बनी हुई है. मंत्री ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के संकेत दिए.
पैनिक बटन से बढ़ेगी महिलाओं की सुरक्षा
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पैनिक बटन महिलाओं के लिए सुरक्षा कवच की तरह है. किसी भी असुरक्षित स्थिति में इसे दबाते ही परिवहन विभाग के कंट्रोल रूम को तत्काल सूचना मिलती है. वहीं वीएलटीडी उपकरण तेज गति, ओवरस्पीडिंग और अचानक ब्रेक लगाने जैसी स्थितियों पर नजर रखता है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलती है.
परमिट वाले वाहन सबसे पीछे
चौंकाने वाली बात यह है कि परमिट वाले वाहनों में वीएलटीडी लगाना अनिवार्य होने के बावजूद अब तक केवल 1,036 वाहनों में ही यह व्यवस्था लागू हो सकी है. यह कुल वाहनों का महज दो प्रतिशत है. मंत्री ने साफ कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सुरक्षा से समझौता नहीं
परिवहन विभाग का साफ संदेश है कि नए साल में सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी. 31 दिसंबर तक नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन मालिकों को 1 जनवरी से कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा.

