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‍‍Bihar news: बिहार में महिलाओं की कलाइयों में खनकेगी ‘शराब की बोतलें’, जानें क्या है मामला

‍‍Bihar news: बिहार में मद्य निषेध विभाग ने एक अनोखी योजना बनाई है. योजना के तहत जब्त शराब की बोतलों क्रश बोतलों से चूड़ियां बनाई जाएगी. इसके लिए जीविका दीदी के साथ मिलकर संयंत्र स्थापित किये जाएंगे.

पटना: शराबबंदी वाले बिहार में लगभग प्रत्येक माह हजारों लीटर देसी और विदेशी शराब की बोतलों को नष्ट किया जाता है. ऐसे में पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचता है. लेकिन अब शराब की बोतल महिलाओं के हाथ में खनकेंगी. जी हां, है न चौंकने वाली बात. दरअसल शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक है. सूबे में आए दिन बड़ी मात्रा में अवैध शराब की बोतलों को जेसीबी से नष्ट किया जाता है. अब नष्ट किये गए इन शराब की बोतलों को लेकर मद्य निषेध विभाग ने एक अनोखी पहल की है. जिससे महिलाओं के लिए रोजगार का मार्ग भी खुलेगा.

जीविका दीदी बनाएंगी चूड़ियां

बता दें कि बिहार पुलिस द्वारा हर माह लाखों की संख्या में अवैध शराब की बोतलों को जब्त किया जाता है. इसके बाद जब्त किये गए इन शराब के बोतलों को कोर्ट के आदेश पर सक्षम अधिकारियों की देखरेख में नष्ट किया जाता है. नष्ट किये गए शराब की बोतलों के कांच के टुकड़े से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा था. इसी को लेकर मद्य निषेध विभाग ने एक योजना बनाई है. योजना के तहत शराब की बोतलों को गलाकर चूड़ियां बनाई जाएगई. इसके लिए मद्य निषेध विभाग चूड़ी संयंत्र स्थापित करेगी. इसके लिए नोडल एजेंसी के रुप में जीविका को चयनित किया गया है. विभाग जीविका को संयंत्र स्थापित करने के लिए एक करोड़ रुपये की मदद भी करेगी. संयंत्र में बिहार के विभिन्न जिलों में जब्त और क्रश किये गए बोतलों के टुकड़ों से चूड़ियां बनाई जाएगी.

मद्य निषेध विभाग के आयुक्त बोले…

इस मामले को लकेर मद्य निषेध विभाग के आयुक्त बी. कार्तिकेय ने बताया कि बिहार में जब्त और नष्ट किये गए शराब की बोतलों के कांच के टुकड़ों से चुड़ियां बनाने का प्लान बनाया गया है. योजना को जीविका दीदी का साथ मिलकर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इस योजना से पर्यावरण को नुकसान होने से बचाया जा सकेगा और इसके अलावे महिलाओं के लिए रोजगार के मार्ग भी प्रशस्त होंगे. योजना के लिए जीवका को चूड़ी संयंत्र स्थापित करने के लिए एक करोड़ रुपये दिया जा चुका है. इस संयंत्र में विभिन्न जिलों से लाये गए कांच के टुकड़ों से एक ही जगह चुड़ियां बनाई जाएगी.

अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी कानून

बता दें कि बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है. इससे राज्य सरकार को लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का प्रति वर्ष राजस्व नुकसान होता है. लेकिन नीतीश सरकार ने उस वक्त बिहार कि हजारों महिलाों की मांग पर शराबबंदी को लागू किया था. उस बता दें कि 2015 में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बिहार चुनानी दौरे पर थे, उसी दौरान एक कार्यक्रम में एक महिला ने कह दिया था कि ‘मुख्यमंत्री जी, शराब बंद कराइए. घर बर्बाद हो रहा है’. इसके बाद ही नीतीश ने फौरन ऐलान कर दिया कि अगली बार सरकार में आए, तो शराब बंद कर दूंगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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