बिहार सरकार को लगा बड़ा झटका लगा है. दरअसल, मुख्यमंत्री सात निश्चय के तहत राज्य की सभी ग्राम पंचायतों के वार्डों में हर घर नल का जल पहुंचा दिया गया है. अब बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने पंचायती राज विभाग को 319 करोड़ का बिजली बिल थमा दिया है. साथ ही, पंचायती राज विभाग से अनुरोध किया है कि वह कार्यालयों में लंबित बिजली बिल का भुगतान करने में सहयोग करें. पावर होल्डिंग कंपनी ने पंचायती राज विभाग को भेजे अपने पत्र में कहा है कि बिहार की साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के पास 50 हजार 49 योजनाओं का पंचायतवार, गांववार व प्रखंडवार उपभोक्ताओं की सूची तैयार की गयी है.
पंचायती राज विभाग को लिखे पत्र में बताया गया है कि हर घर नल जल योजना के तहत जनवरी 2023 तक कुल बकाया राशि 147.54 करोड़ है जिसमें 84.08 करोड़ साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और 63.46 करोड़ नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीबूयशन कंपनी का बकाया है. इसी प्रकार से पंचायत सरकार भवन, क्षेत्रीय कार्यालय और स्ट्रीट लाइट उपभोक्ताओं पर बकाये की राशि 145.14 करोड़ है. इसमें साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का 37.49 करोड़ और 107.85 करोड़ रुपये नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का बकाया है. इधर, चालू वित्तीय वर्ष में फरवरी और मार्च का करीब 4.61 करोड़ क्षेत्रीय कार्यालयों पर जबकि 21 करोड़ हर घर नल का जल के उपभोक्ताओं का बिजली बिल भुगतान किया जाना है. इस राशि का भुगतान केंद्रीयकृत रुप से किया जाये.
गौरतलब है कि बिहार में गर गांव के घर-घर तक सप्लाई वाटर की व्यवस्था कर दी गयी है. ऐसे में लोगों को बड़ी सहुलियत हुई है. हालांकि, अब सरकार को पानी सप्लाई के लिए चलने वाले मोटर्र का बिजली बिल भरना पड़ेगा.