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बिहार में पानी की समस्या होगी दूर, जानें क्या है राज्य सरकार का वॉटर विजन @ 2047

बिहार नमामि गंगे मिशन का एक खाका बना कर नदियों के संरक्षण के लिए इसी तरह के अभियान शुरुआत कर सकता है. भविष्य के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर जल संरक्षण के क्षेत्र में सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है.

बिहार नमामि गंगे मिशन का एक खाका बना कर नदियों के संरक्षण के लिए इसी तरह के अभियान शुरुआत कर सकता है. भविष्य के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर जल संरक्षण के क्षेत्र में सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने वॉटर विजन @ 2047 के तहत भोपाल में पहले अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल से केंद्र और सभी राज्य की सरकारों को अवगत कराया. 11अव्यवों पर तेजी से काम हो रहा है. कई जल संरचना, पोखर, आहर का निर्माण किया गया है. वॉटर विजन @ 2047 के तहत अब तक कुल 62,618 तालाब का निर्माण किया जा चुका है.

राज्य में चल रहा जल संरक्षण का सामुहिक प्रयास

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास के लिए पांच और छह जनवरी को आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में बिहार मंत्री ने कहा कि जल शक्ति अभियान के प्रथम चरण में बिहार के 12 जिलों के 30 प्रखंडों को सम्मिलित किया गया है. 21 मार्च , 2021 से आरंभ दूसरे चरण में सभी जिलों को शामिल किया गया है. जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्तकर उनका जीर्णोद्धार और निर्माण कराया जा रहा है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के जरिये सम्मेलन को संबोधित किया. सभी राज्यों से अपील की है कि जल को सहयोग और समन्वय का विषय बनाना प्रत्येक राज्य का दायित्व है.

18,629 सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त

बिहार में 18,629 सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त किया जा चुका है. सार्वजनिक जल संचयन की संख्या 1,01,049 है. सार्वजनिक कुआं 84,552 हैं. 29,359 तालाब, पोखर, आहर, पइन का जीर्णोद्धार किया जा चुका है. 12,944 चेक डैम का निर्माण चल रहा है. जहां जल की किल्लत है, उन जगहों पर वैसे जगह से जहां पर जल की प्रचुरता है वहां से जल पहुंचाने का कार्य बिहार सरकार द्वारा किया जा रहा है. बिहार में इस योजना का नाम गंगा जल आपूर्ति योजना रखा है. हर घर गंगा जल पहुंचाने के लिए 151 किलाेमीटर पाइप लाइन बिछाकर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है.

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