Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है. इसको लेकर तमाम पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. एक दिन में पार्टियों के शीर्ष नेतागण कई रैलियां कर रहे हैं. तमाम तैयारियों के बीच बिहार में इस बार कई सीटों पर समीकरण का पेंच फंस गया है. 11 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम वोट बहुत ज्यादा है. अभी तक इन सीटों पर महागठबंधन का पलड़ा भारी रहता था, लेकिन इस बार समीकरण पूरी तरह उलट गया है.
2020 में 11 में से 6 सीटें महागठबंधन ने अपने नाम की थी
महागठबंधन ने बहुत सारी सीटों पर अपने मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं. लेकिन, जन सुराज और AIMIM ने भी उसी वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर ली है. प्रशांत किशोर की पार्टी ने इन 11 में से 10 सीटों पर मुसलमान चेहरों को टिकट दिया है, और ओवैसी की AIMIM ने तो सभी जगह मुसलमान उम्मीदवार उतारे हैं. यानी मुस्लिम वोट सॉलिड तरीके से बंटेगा. यही वजह है कि 2020 में इन 11 में से 6 सीटें जीतने वाली महागठबंधन की राह इस बार आसान नहीं दिख रही है. पिछली बार NDA इन 11 में से एक भी नहीं जीत पाया था, लेकिन इस बार बिखरे वोट का सीधा फायदा NDA को जा सकता है.
ये हैं वो 11 सीटें—
- बहादुरगंज
- ठाकुरगंज
- किशनगंज
- कोचाधामन
- बायसी
- कसबा
- कदवा
- बलरामपुर
- अररिया
- जोकीहाट
- अमौर
इन सभी सीटों पर गेम लगभग एक सा है. कांग्रेस या राजद के सामने जन सुराज और AIMIM दोनों ने मुस्लिम ही मैदान में उतारे हैं. कई सीटों पर NDA ने भी मुस्लिम चेहरा दिया है. कुल मिलाकर तस्वीर ये बन रही है कि मुस्लिम बहुल सीटों पर इस बार महागठबंधन को पिछली बार वाली 6 सीटें रिपीट करना आसान नहीं दिख रहा है. PK + AIMIM का डबल प्रेशर, NDA को इस बार कुछ फायदा दिला सकता है.

