आरा : भोजपुर जिले के सिकरहट्टा थाना क्षेत्र के देव और चंदा गांवों के बीच पूर्व से ही वर्षों से विवाद चला आ रहा है. अनिरुद्ध सिंह की हत्या भी इसी रंजिश की एक कड़ी है. पूर्व में भी हत्याएं हो चुकी हैं. परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस ने संज्ञान लिया होता, तो शायद अनिरुद्ध सिंह की जान बच सकती थी.
नहर के किनारे चांट से क्षत-विक्षत स्थिति में मिले शव की पहचान के परिजनों ने कर ली. शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी मच गयी. लोगों ने आक्रोशित होकर इस घटना के लिए जिम्मेदार देव गांव के लोगों को ठहराते हुए दुकानों को आग के हवाले कर दिया तथा फायरिंग शुरू कर दी.
हालांकि देव गांव स्थित दुकानों को जलाने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी. तब जाकर मामला शांत हुआ. हालांकि इधर दुकान जलाये जाने को लेकर देव गांव के लोग सड़क पर उतर गये और इस घटना से पल्ला झाड़ते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे. बाद में पुलिस द्वारा कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद मामला शांत हुआ.
पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों गांवों के बीच पूर्व से ही विवाद चला आ रहा है. वर्ष 2001 में पंचायत चुनाव के दौरान किसी तरह इटहुरी गांव निवासी रामनाथ पांडेय की हत्या कर दी गयी थी. रामनाथ पांडेय की भी देव गांव से अपहरण कर हत्या कर दी गयी. इसके बाद आक्रामक आंदोलन चलाया गया था, तब जाकर अपराधी पकड़े गये थे. घटना के संबंध में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं.
परिजनों और ग्रामीणों के अनुसार कुछ माह पहले भैंसा चोरी का मामला सामने आया था. इसमें चंदा गांव के लोगों द्वारा भैंसा चोरी के मामले में देव गांव के कुछ लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया था. वहीं, दूसरी ओर इस बात की भी चर्चा है कि कुछ दिन पहले अनिरुद्ध सिंह द्वारा कुछ शराब माफियाओं को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया था. ये अक्सर शराब तस्करों का विरोध किया करते थे. घटना को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है. बहरहाल कई बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है.
उपद्रव और दुकान जलाने के मामले में दर्ज होगी प्राथमिकी : पुलिस ने बताया कि घटना के बाद शरारती तत्व व उपद्रवियों ने देव गांव निवासी उपेंद्र ठाकुर, अजय चौधरी, मोहन चौधरी, वासुदेव चौधरी, देवनाथ गुप्ता, संतोष साह, कन्हैया साह, रंजीत साह, मुकेश साह आदि लोगों की दुकानें जला दी गयी हैं. इसमें रिंकू महतो की आटा मिल को भी जला दिया गया. अगलगी की इस घटना में लाखों रुपये का सामान जलकर राख हुआ है. इस मामले में शरारती तत्वों के बीच नामजद प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. पहचान की जा रही है.
पति की मौत के बाद पत्नी और बेटे का रो-रोकर हुआ बुरा हाल : अनिरुद्ध सिंह की मौत के बाद पूरे घर में मातमी सन्नाटा पसर गया. पति की मौत के बाद पत्नी शारदा देवी, बेटी श्यामा कुमारी का रो- रो कर बुरा हाल हो गया है. वहीं पिता की मौत के बाद राहुल के सिर से पिता का साया उठ गया.
तीन पर प्राथमिकी
मृतक के पुत्र राहुल सिंह के बयान पर देव गांव निवासी श्रीनाथ नट, रिंकू महतो तथा रामाशीष चौधरी पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. दिये गये आवेदन में घटना का कारण शराब तथा भैंसा चोरी का मामला सामने आ रहा है. बहरहाल पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है.
पुलिस पिकेट बनाने की उठायी गयी मांग : दोनों गांव के बीच उपजे तनाव को देखते हुए स्थानीय लोगों ने पुलिस पीकेट बनाने की मांग की. इसके बाद पीरो एसडीओ सुनील कुमार ने लोगों को आश्वासन दिया कि पुलिस पिकेट बनाने के लिए मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जायेगी. बहुत जल्द कार्रवाई शुरू की जायेगी.
हत्याकांड में शराब के कुछ धंधेबाजों का भी आ रहा है नाम
मृतक के पुत्र राहुल ने बताया कि कुछ दिन पहले कुछ शराब के धंधेबाजों से कहा-सुनी और बाता-बाती हुई थी, जिसके कारण उन लोगों द्वारा मेरे पिता का अपहरण कर हत्या कर दी गयी. राहुल सिंह कुछ माह पहले सिकरहटा गांव से फायरिंग के मामले में हथियार के साथ गिरफ्तार हुआ था. अभी वह फिलहाल जमानत पर है. उसके साथ उसके अन्य साथी भी पकड़े गये थे.
घटना को कई बिंदुओं से जोड़कर देखा जा रहा है.
पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप: इस मामले में भाजपा के प्रांतीय नेता घनश्याम राय तथा पूर्व जिला पार्षद मीना कुमारी ने चंदा गांव निवासी अनिरुद्ध सिंह का अपहरण कर हत्या किये जाने पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सीधे पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता व निष्क्रियता का सवाल खड़ा करते हुए थानाप्रभारी को निलंबन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पहले अनिरुद्ध सिंह का अपहरण हुआ था. उसके बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की.
