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मुंबई से आ रही श्रमिक ट्रेन में महिला ने दिया बच्चे को जन्म

एक महिला ने चलती ट्रेन में बच्चे को जन्म दी. ट्रेन के कोच में किलकारी गूंज उठी और मायूस चेहरे खिल उठे. तालियां बजाकर इसका जश्न मनाया. मुंबई से आ रही ट्रेन में बरौनी जंक्शन पर महिला ने बच्चे को जन्म दिया. महिला लिली खातून कटिहार जिले के बारसोई निवासी मो अशरफ की पत्नी है. रेलवे ने न केवल मानवता दिखायी, बल्कि बरौनी स्टेशन पर ट्रेन रोक दी.

भागलपुर : एक महिला ने चलती ट्रेन में बच्चे को जन्म दी. ट्रेन के कोच में किलकारी गूंज उठी और मायूस चेहरे खिल उठे. तालियां बजाकर इसका जश्न मनाया. मुंबई से आ रही ट्रेन में बरौनी जंक्शन पर महिला ने बच्चे को जन्म दिया. महिला लिली खातून कटिहार जिले के बारसोई निवासी मो अशरफ की पत्नी है. रेलवे ने न केवल मानवता दिखायी, बल्कि बरौनी स्टेशन पर ट्रेन रोक दी. मेडिकल टीम ने सुरक्षित प्रसव कराया. रेलवे प्रशासन और डॉक्टर्स ने महिला और नवजात के स्वस्थ होने पर ट्रेन में आगे का सफर करने दिया गया. इससे पहले चलती ट्रेन में महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गया.

मजदूरों ने इसकी सूचना रेलवे को हेल्पलाइन नंबर पर दिया. सूचना मिलते ही रेलवे की टीम बरौनी जंक्शन पर नर्स और महिला चिकित्सक के साथ पहुंच गयी. सुबह चार बजे के करीब ट्रेन बरौनी पहुंची. इसके बाद मेडिकल की टीम में कोच में पहुंची और कंपार्टमेंट को चादर से घेर दिया गया. आसपास बैठे लोगों को कुछ देर प्लेटफॉर्म पर खड़ा रहने को कहा गया. महिला यात्री और मेडिकल टीम ने सफल प्रसव करा दिया. जैसे ही ट्रेन में नवजात की किलकारी गूंजी, वैसे ही यात्रियों ने तालियों की गड़गड़ाहट से नवजात का स्वागत किया. लिली खातून ने बेटे को जन्म दिया. रेलवे ने गर्म पानी और पाउडर दूध तक की व्यवस्था करा दी.

ट्रेन सुबह 5.30 बजे के करीब बरौनी जंक्शन से भागलपुर के लिए रवाना किया गया. भागलपुर ट्रेन सुबह 8.32 बजे पहुंची. यहां सभी की स्क्रीनिंग कराकर कटिहार जाने वाली बस पर बैठा कर रवाना किया गया. लॉकडाउन में काम छूट गया, घर वापसी के लिए थे परेशान मो अशरफ पत्नी लिली खातून के साथ सालों से मुंबई में रह रहे थे. अशरफ की पत्नी गर्वभती थी. लॉकडाउन की वजह से काम छूट गया. इसके साथ ही घर वापसी के लिए परेशान रहने लगे. इस बीच 11 मई को मुंबई से भागलपुर आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुए. कोच संख्या एस-13 में अन्य प्रवासियों के साथ वह भी गर्भवती पत्नी के साथ थे. ट्रेन पहले ही पांच घंटे लेट चल रही थी. मंगलवार की रात ढाई बजे के करीब हाजीपुर से ट्रेन खुली तो पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी थी. पहला संतान बेटा पाकर दंपती खुश पहला संतान बेटा पाकर अशरफ और लिली बहुत ही खुश हुए. लॉकडाउन में श्रमिक ट्रेन का सफर ताउम्र याद रहेगा. वह भी पहला संतान का जन्म श्रमिक ट्रेन में हुआ है.

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